
देहरादून। पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर अगर आप मुसीबत में होते हैं तो फोन घनघनाते हैं इस उम्मीद में कि तुरंत पुलिस सहायता मिलेगी। लेकिन इस समय 112 पर फोन मत कीजिए, क्योंकि पुलिस महिला कांस्टेबल सभी वीडियो बनाने में विजी हैं। वैसे भी पुलिस वालों को चाहे वो महिला हो या पुरुष वीडियो बनाने का भूत सवार रहता है। गाहे-बगाहे कहीं न कहीं से इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। देहरादून महिला पुलिस कंट्रोल रूम से एक वीडियो इंटरमेट मीडिया पर सोमवार से वायरल हो रहा है। वीडियो शायद दीपावली के आसपास का बताया जा रहा है। जिसमें महिला कांस्टेबल मस्ती में झूमती नजर आ रही हैं। इन्हें न इमरजेंसी फोन सुनना है, न किसी का डर है, बस सिर्फ वीडियो बनाना है। देखिये
मामले की जांच एएसपी को सौंपी गयी
ड्यूटी के दौरान महिला कर्मचारियों का वीडियो वायरल होने पर डीजीपी ने कहा कि पहले भी इस तरह वीडियो वायरल होने पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया जा चुका है। जिसने भी इस तरह की हरकत की है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। मामले की जांच एएसपी क्राइम ब्रांच विशाखा अशोक भदाणे को सौंपी गयी है। उन्होंने जांच शुरू कर दी है। वहीं दूरसंचार विभाग के एसपी उमेश चंद्र जोशी ने अपने स्तर पर भी मामले की जांच एएसपी सुनील नेगी को सौंप दी है।
घंटी बज रही है, महिला कांस्टेबल डांस में व्यस्त
बताया जा रहा है कि वीडियो शायद दीपावली का है। रात की शिफ्ट में काम करने वाली कुछ महिला कांस्टेबल ड्यूटी न करके गानों में थिरक रही हैं। कंट्रोर रूम में लोगों की घंटियों की आवाज सुनाई दे रही हैं, लेकिन इन महिलाओं पर तो डांस का भूत सवार है। वे इमरजेंसी काल सुनने के बजाय वीडियो मदहोश होकर डांस में व्यस्त हैं।
उत्तराखंड महिला पुलिस को भी लगा चस्का
डायल 112 में अधिकतर महिला सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गयी है। महिला सिपाही आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में काम करती हैं। पुलिस विभाग के नियमानुसार डायल 112 में किसी भी पुलिस कर्मी को बिना वर्दी के ड्यूटी करने से मनाही है, लेकिन कुछ स्टाफ त्योहारों पर अनुमति लेकर बिना ड्रेस की ड्यूटी भी करती हैं। सोशल मीडिया पर फालोवर्स बढ़ाने का चस्का हर किसी को इतना चढ़ गया है कि सिपाही से लेकर दारोगा तक हर कोई रातों रात हिट होना चाहता है। 2020-21 में यूपी पुलिस कर्मियों को भी कुछ इसी तरह का चस्का लगा था। सीएम योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद पुलिस प्रशासन ने इसके लिए निर्देश जारी किये थे।
पुलिस नियमावली का साफ-साफ उल्लंघन
पुलिस नियमावली देखी जाये तो वर्दी, थाने व सरकारी वाहन का इस्तेमाल इस तरह के निजी कामों के लिए नहीं किया जा सकता है। यह ड्यूटी के खिलाफ है। ऐसा करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।
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