नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभुलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण को एक हफ्ते का नोटिस देकर ध्वस्त करने का आदेश दिया है। खण्डपीठ ने इस मामले में एक नवम्बर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद करीब साढ़े चार हजार परिवारों पर संकट आ गया है।
किसी के पास नहीं हैं जमीन के वैध कागजात
9 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 हफ्ते के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको पीपी एक्ट के तहत नोटिस देकर सुनवाई करें। रेलवे की तरफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिनमें करीब 4365 अतिक्रणकारी मौजूद हैं। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाये गये।
राज्य सरकार ने पल्ला झाड़ा
राज्य सरकार का कहना था कि यह राज्य सरकार की भूमि नहीं है, यह रेलवे की जमीन है, वही निपटे। याचिकाकर्ता का कहना था कि कोर्ट के बार-बार आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसलिए कोर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों से अपनी-अपनी आपत्ति पेश करने को कहा था। जिसके बाद कोर्ट ने सभी आपत्तियों व पक्षकारों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने आज एक हफ्ते के भीतर अतिक्रमण करने को ध्वस्त करने का नोटिस दे दिया। https://sarthakpahal.com/