तू चल मैं आया.. कंगारुओं की फिरकी में फंसा भारत, पहले ही दिन डूबी लुटिया
इंदौर। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती दोनों मैच जीतकर भारतीय टीम ने जो दबदबा कायम किया था, आज वो सबकुछ धरा का धरा रह गया। होलकर स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम के टाप आर्डर फ्लॉप शो देखने को मिला, जब 50 रन बनाने से पहले ही आधी टीम पेवेलियन लौट चुकी थी। ये समझ से परे है कि क्यूरेटर ने जो पिच कंगारुओं को फंसाने के लिए बनाई थी, वहां अपने ही शेर कैसे ढेर हो गए। बात सिर्फ बैटिंग तक ही सीमित नहीं है। केवल 109 रन बनाने के बाद हमारे गेंदबाजों ने 17 रन अतिरिक्त दे दिए। भारत अपने तीनों िरव्यू भी खो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट के नुकसान पर 156 रन बनाकर भारत से 47 रन की अहम बढ़त ले ली है, जो आने वाले दिनों में भारत के लिए मुसीबत बनने वाली है।
मैच ऑस्ट्रेलिया की मुट्ठी में
पिच का फायदा उठाते हुए बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन ने अपने दूसरे ही टेस्ट में पांच विकेट चटकाए। आक्रामक रवैया अपनाने की रणनीति भारत को ले डूबी और टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर पूरी टीम केवल 33.2 ओवर में 109 रन पर सिमट गई। कंगारुओं के लिए पीटर हैंड्सकॉम्ब (7) कैमरन ग्रीन (6) नाबाद लौटे। भारत के लिए चारों विकेट रविंद्र जडेजा ने लिए। पहले दो टेस्ट की तरह पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन होलकर स्टेडियम की पिच पर पहले ही घंटे में गेंद ने इतना घुमाव लिया और कुछ मौकों पर गेंद नीची भी रही जो थोड़ा हैरानी भरा था। https://sarthakpahal.com/
ताश के पत्तों की तरह बिखरी टीम इंडिया
भारत के लिए विराट कोहली 52 गेंद में 22 रन बनाए, जबकि खराब फॉर्म से जूझ रहे केएल राहुल के स्थान पर टीम में शामिल किए गये शुभमन गिल ने 21 रन की पारी खेली। पहले सत्र में सात विकेट गंवाने के बाद भारत ने दूसरे सत्र में 25 रन जोड़कर अपने बाकी बचे तीन विकेट भी गंवा दिए। कुहनेमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 16 रन पर पांच विकेट चटकाए। ऑफ स्पिनर नॉथन लियोन ने 35 रन पर तीन विकेट चटकाकर उनका अच्छा साथ निभाया। उमेश यादव अगर 13 गेंद में दो छक्के और एक चौके की मदद से 17 रन की पारी न खेलते तो भारत के लिए 100 रन तक पहुंचना भी नाको चने चबाने जैसा होता।