
यमकेश्वर। यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत डांडामंडल क्षेत्र में आने वाले देवराना, भूमियासारी और कसाण गांव भू धंसाव की चपेट में है। इन गांवों में मोटर मार्ग और गांव का पैदल रास्ते टूट गए हैं। ग्रामीणों के घरों और खेतों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है। जान माल का नुकसान न हो इसके लिए ग्रामीण अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर निकल गए हैं।
कई ग्रामीण प्रशासन की ओर से दिए गए छोटे-छोटे टैंटों के अंदर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। जैसे ही बारिश शुरू होती है तो गांव वाले डर के मारे सहम जाते हैं। स्थानीय ग्राम प्रधान पिंकी ने बताया कि बीते कई दिनों से हो रही तेज बारिश से देवराना गांव में बहुत नुकसान हुआ है। सड़क के नीचे बने अधिकांश आवासीय घर जमींदोज हो गए हैं, कई घरों में दरारें आ गई है। भू धंसाव से गांव को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग ध्वस्त है।https://sarthakpahal.com/
तेज बारिश से देवराना गांव में गेंदालाल डोबरियाल, जगदीश कंडवाल, कृष्ण कंडवाल, राजकुमार कंडवाल, मुकेश देवरानी, सिरोमणी द्विवेदी, सुरेश देवरानी, अमरदेव देवरानी, ज्योति प्रसाद देवरानी, श्रद्धानंद द्विवेदी, बुद्धि प्रसाद, सुनील ग्वाड़ी, महावीर देवराड़ी, नरेश देवरानी, मोहनलाल ग्वाड़ी के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गांव में भू-वैज्ञानिक भी सर्वे करने पहुंचे हैं। गांव में लगातार भू धंसाव हो रहा है। उधर ग्राम पंचायत सिंदुडी के तोक गांव बैरागढ़ भी भू धसाव की चपेट में है। इसके अलावा भूमिययासारी और कसाण गांव भी भू धंसाव की चपेट में है
हमें मुआवजा नहीं जमीन चाहिए: ग्राम प्रधान
प्रशासन की टीम भी लगातार क्षेत्र में नजर बनाए हुई है। पटवारी और एसडीएम क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। क्षेत्रीय विधायक रेनू बिष्ट भी भूले-भटके गांव की सुध लेने पहुुंच गयी। उन्होंने ग्रामीणों का हाल-चाल जाना। कांग्रेसी नेता गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह रावत भी क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। प्रशासन की मुआवजा देने की बात पर ग्राम प्रधान पिंकी देवी का कहना है कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए। हमें कहीं और विस्थापित कर दिया जाये, क्योंकि जिनके पास जमीन नहीं है, वो मुआवजा लेकर क्या करेंगे। फिलहाल लोग गांव से दूर तंबू में किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं।