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चंद्रयान-3 के लैंडिंग के बाद विक्रम ने भेजी पहली तस्वीर, ऐसा दिखता है चांद का दक्षिणी हिस्सा

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नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। ऐसे में लैंडर ‘विक्रम’ ने चांद पर पहुंचते ही अपना काम शुरू कर दिया है। विक्रम ने उतरते वक्त की तस्वीरें भेजी हैं। बता दें कि लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित कर लिया गया है। यह तस्वीरें लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे से ली गई हैं। इसके अलावा लैंडिंग इमेजर कैमरे द्वारा ली गई फोटो भी सामने आ गई है। इसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का एक हिस्सा दिखाया गया है।

चांद पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश अब भारत बन चुका है। चंद्रयान का लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड हो गया है। वहीं चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद ISRO ने ट्वीट किया है। ISRO की ओर से ट्वीट किया गया, ‘भारत, मैं अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच गया हूं और आप भी। चंद्रयान-3 मून पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंड हो गया है। बधाई इंडिया’।

माइनस 230 डिग्री तापमान


ISRO के पूर्व डायरेक्टर प्रमोद काले के मुताबिक, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तापमान माइनस 230 डिग्री तक चला जाता है, इतनी कड़ाके की सर्दी में दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान का काम कर पाना संभव नहीं है। यही वजह है कि 14 दिन तक जब दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी रहेगी, तभी तक इस मिशन को अंजाम दिया जाएगा।

2-4 घंटे में लैंडर से बाहर आएगा रोवर
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि दो से चार घंटे में ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आएगा। यह इस पर निर्भर करता है कि लैंडिंग वाली जगह पर धूल कैसी जमती है। इसके बाद इसरो चार्जेबल बैटरी के जरिए रोवर को जीवित रखने की कोशिश करेगा। यदि यह सफल रहा तो रोवर का अगले 14 दिनों के लिए उपयोग किया जाएगा। आपको बता दें कि पृथ्वी के 14 दिन को मिलाकर 1 चंद्र दिवस होता है। https://sarthakpahal.com/

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