देहरादून। देहरादून में रजिस्ट्रार आफिस में फर्जी रजिस्ट्रियों के खेल का असली मास्टरमाइंड वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया गया। ज्यादातर रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग इन्हीं के चैंबर में ही होती थी। ऐसी करीब 20 से ज्यादा फर्जी रजिस्ट्रियां कराने में विरमानी ने गिरोह की मदद की है और करोड़ों रुपये लेकर इन जमीनों को माफिया के नाम किया गया। पुलिस ने रविवार को विरमानी को न्यायालय में पेश कर उसे जेल भेज दिया है। पूछताछ में कई और लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जा सकती है।
इमरान और रोहताश को देता था ड्राफ्टिंग
इस मुकदमे में आरोपी सहारनपुर निवासी केपी सिंह काफी समय से विरमानी को जानता था। केपी सिंह सहारनपुर की कुछ रजिस्ट्रियां बनवाकर विरमानी के पास लाया। इसके बाद पुरानी और विवादित जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियों का खेल शुरू हुआ। इन सब रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग खुद आरोपी कमल विरमानी अपने चैंबर में करवाता था। इसके बाद विरमानी इन्हें बनाकर वकील इमरान और मुंशी रोहताश को दे देता था। https://sarthakpahal.com/
10 करोड़ रुपये का लेनदेन एक नंबर में
पुलिस के अनुसार इस पूरे मामले में खातों में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा ब्लैक में भी करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। पिछले दिनों अधिवक्ता इमरान की गिरफ्तारी पर ही 20 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की पुष्टि हुई थी। यह मामला 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हो सकता है।
अब तक ये चुके हैं गिरफ्तार
मक्खन सिंह, संतोष अग्रवाल, दीप चंद्र अग्रवाल और रजिस्ट्रार आफिस में नियुक्त डालचंद, अधिवक्ता मरान, रोहताश सिंह, राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पांडे, रिकार्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
जलाकर नष्ट किए मूल दस्तावेज
आरोपियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस और रिकॉर्ड रूम से निकाले गए मूल दस्तावेज को जलाकर नष्ट भी किया है। पुलिस के अनुसार रजिस्ट्रियों में जो छेड़छाड़ की गई है उसकी पुष्टि के लिए दस्तावेज फोरेंसिक लैब भी भेजे गए हैं। एसएसपी ने बताया कि मामले में जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनकी छानबीन के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं। इस सप्ताह कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।