नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आईडीपीएल कंपनी ऋषिकेश के आवासीय कॉलोनी में रह रहे पूर्व कर्मचारियों के आवासों के बिजली पानी के कनेक्शन काटे जाने को सरकार के रवैये को जनता के साथ क्रूर मजाक बताया। साथ ही सरकार को बिजली और पानी के कनेक्शन 72 घंटे के भीतर जोड़ने के आदेश दिये हैं। सरकार आईडीपीएल कंपनी बंद होने के बाद वहां स्थित अवैध कब्जों को तोड़ रही है, जबकि याचिका कर्ताओं का कहना है कि वे अवैध कब्जेदार नहीं हैं और कंपनी के कर्मचारी रहते हुए उन्हें ये आवास आवंटित हुए थे।
हाईकोर्ट के सामने सरकार की किरकिरी
कोर्ट ने पूर्व में उनके घर खाली करने पर रोक लगाई थी, लेकिन अब वहां निवास करने वाले लोगों के घरों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं। आईडीपीएल की लीज समाप्त होने के बाद वन विभाग द्वारा यहां रह रहे लोगों को बेदखली का नोटिस दिया था। जिस पर भी कोर्ट ने रोक लगा दी है। बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाने के खिलाफ गुलशन भनौट, अन्नी भाटिया, एमसी जोशी और राज बजाज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। https://sarthakpahal.com/
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं के बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाने को अवैधानिक बताया और कहा कि यह कार्रवाई उनसे जबरन आवास खाली कराने का एक क्रूर तरीका है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 30 नवंबर निर्धारित की गई है।