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केदारघाटी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, अब तक 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री सुरक्षित निकाले गए

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रुद्रप्रयाग, 6 अगस्त। उत्तराखंड के केदारनाथ और केदारघाटी में साल 2013 के बाद एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 31 जुलाई 2024 की रात केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर कई जगह लैंडस्लाइड के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ. इससे हजारों यात्री मार्ग पर फंस गए. आज रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच दिन हो चुके हैं और रेस्क्यू अभी भी जारी है. राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार ने भी इस ऑपरेशन में पूरी मदद की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 5 अगस्त की दोपहर तक 10 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. अच्छी बात यह है कि अभी तक सरकारी आंकड़ों में यात्रियों की मौतों की कोई भी संख्या दर्ज नहीं है.

2013 के बाद सबसे बड़ा रेक्स्यू ऑपरेशन


केदारनाथ धाम में आई आपदा ने एक बार फिर से कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह है कि आखिरकार केदारनाथ में ही क्यों बार-बार इस तरह के हालात बन रहे हैं? साल 2013 की आपदा के बाद उत्तराखंड में यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. केदारनाथ धाम में फंसे श्रद्धालुओं को एक-एक कर सुरक्षित स्थानों तक लाया जा रहा है.

इस ऑपरेशन में तीर्थयात्रियों की जान बचाने के साथ ही राज्य सरकार के लिए एक चुनौती ये भी है कि आगामी दिनों में उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को एक अच्छा संदेश दिया जाए कि पहाड़ों में हालात भले ही विकट हों, लेकिन किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा. स्थानीय प्रशासन से लेकर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने जिस तरह के हालातों में काम किए हैं, वह काबिले-ए-तारीफ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस पूरे ऑपरेशन को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं.

सेना से भी ली जा रही मदद
केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर केंद्र सरकार भी सजग दिखाई दे रही है. गृह मंत्रालय के साथ-साथ अन्य मंत्रालय भी मुख्यमंत्री धामी और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से लगातार पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. इस ऑपरेशन के शुरुआती समय में सिर्फ हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा था. लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते गए वैसे-वैसे हालात और कठिन होते गए.

लिहाजा, ऐसे में राज्य सरकार ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने के लिए पांच हेलीकॉप्टर और केंद्र की तरफ से मिले एक MI-17 और चिनूक (एयरफोर्स के विमान) की भी मदद ली है. साथ ही सेना की मदद से अब इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अगस्त को शुरू हुए ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टर ने मात्र दो चक्कर में ही 65 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है.

कहां-कहां से निकाले गये फंसे यात्री
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 दिनों के भीतर हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से केदारनाथ धाम से 138 यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. जबकि लिंचोली से 2409 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भीमबाली और लिंचोली के साथ-साथ कालीमठ से 567 यात्री, गौरीकुंड और सोनप्रयाग से 7,185 श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है. चिरबासा से एयरलिफ्ट करके अब तक 75 श्रद्धालुओं को बचा लिया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से 10,374 लोगों को निकाल लिया गया है. https://sarthakpahal.com/

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