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चाई महोत्सव: राष्ट्र के विकास के लिए गांवों का विकसित होना जरूरी: शैलेंद्र सिंह रावत

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कोटद्वार, 6 जून। पहाड़ में संस्कृति संरक्षण पर आधारित आयोजन चाई ग्रामोत्सव 2025 बृहस्पतिवार देर शाम देवपूजन, विचार गोष्ठी एवं भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हो गया। त्रिदिवसीय ग्रामोत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार को समापन समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि कोटद्वार नगर निगम के मेयर शैलेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

चाई महोत्सव भारतीय संस्कृति को बचाने का अनूठा अभियान
अपने संबोधन में मेयर शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चाई ग्रामोत्सव आदर्श गांव बनाने और भारतीय संस्कृति को बचाने का अनूठा अभियान है। ग्राम विकास के क्षेत्र में ग्राम चाई संपूर्ण समाज के लिए प्रेरक है। भारत की आत्मा गांवों में बसती है। गांवों के समग्र विकास से ही राष्ट्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि गांव प्राथमिक उत्पाद के केंद्र हैं।

सभी लोग कम से कम साल में एक बार गांव जरूर देखें
इन उत्पादों को बाजार मिलना चाहिए। इससे रोजगार बढ़ेगा और पलायन रुकेगा। उन्होंने चाई ग्रामोत्सव को विकास का माॅडल बताया। कहा कि पहाड़ के गांवों को फिर से बसाने और जीवंत बनाने में इस तरह के आयोजन कारगर साबित हो सकते हैं। यह जरूरी है कि सभी लोग वर्ष में कम से कम एक बार अपने गांव जरूर आएं।

विशिष्ट अतिथि गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में भूविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट ने कहा कि चाई ग्रामोत्सव एक प्रकार का विशिष्ट उत्सव है। कहा कि देश-विदेश के प्रवासी बंधुओं समेत सभी ग्रामवासियों का तीन दिन तक एक साथ रह कर सह भोज करना और ग्राम विकास की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना एक ऐसी उद्देश्यपरक रचनात्मक पहल है, जिसकी वर्तमान दौर में सर्वाधिक आवश्यकता है।देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/

इस अवसर पर पूर्व खंड विकास अधिकारी जयेंद्र भारद्वाज, देवेंद्र बुडाकोटी, ललन बुडाकोटी, सचिदानंद बुडाकोटी आदि ने विचार व्यक्त किए। महेश चंद्र बुडाकोटी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह का संचालन डाॅ. पदमेश बुडाकोटी ने किया। इससे पूर्व अंतिम दिन लोक कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। गढ़वाल की सांस्कृतिक झांकी को दर्शकों ने विशेष तौर पर सराहा। देवपूजन, हवन एवं भंडारे के साथ त्रिदिवसीय समारोह का समापन हुआ।

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