गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के नये कुलपति होंगे प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह

श्रीनगर, 18 जून। हेनब गढ़वाल विश्वविद्यालय को नया नया कुलपति मिल गया है. प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह को गढ़वाल विश्वविद्यालय के नए कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के निदेशक के रूप में कार्यरत थे. जहां उन्होंने 17 दिसंबर 2021 से अपनी सेवाएं दीं. उनका अकादमिक सफर दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू हुआ. माना जा रहा है कि श्रीप्रकाश सिंह की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व शोध कार्यों को नई दिशा मिलेगी।
एमए, एमफिल और पीएच.डी. धारक हैं कुलपति
प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह ने राजनीति विज्ञान में एम.ए. (1987), एम.फिल. (1989) और पीएच.डी. (2001) की उपाधियां प्राप्त कीं. वर्षों के दौरान उन्होंने कई शैक्षणिक और प्रशासनिक भूमिकाएं निभाईं. संस्थागत विकास में अपनी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता के लिए पहचाने गए. प्रो. सिंह 2015 से दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. पूर्व में उन्होंने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में डॉ. अम्बेडकर चेयर इन सोशल जस्टिस की जिम्मेदारी भी संभाली. 2017 में जब तत्कालीन कुलपति प्रो. जवाहरलाल कौल के विरुद्ध जांच बैठाई गयी थी, तो उस समय प्रो. श्रीप्रकाश सिंह छह सदस्यीय जांच समिति के सदस्य थे। उसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने प्रो. कौल को पद से हटाया था।
देश के कई विवि में सलाहकार की भूमिका निभाई
दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ उनका दीर्घकालिक जुड़ाव अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में दिखाई देता है. जिनमें पाठ्यक्रम सुधार, शासन प्रणाली और भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने वाली अनेक समितियों के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना शामिल है. उन्होंने देश की कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी सलाहकार की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) और विभिन्न राज्य सरकारों के नामित प्रतिनिधि के रूप में शैक्षणिक और नीति-निर्माण कार्यों में योगदान दिया है. देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
उन्होंने UGC नियमावली, NET पाठ्यक्रम, और राजनीति विज्ञान व लोक प्रशासन के पाठ्यक्रम विकास जैसी प्रमुख परियोजनाओं में भाग लिया है. एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में उनकी नियुक्ति को संस्थान के लिए एक नई दिशा और ऊँचाई की ओर कदम माना जा रहा है. प्रो. सिंह की नियुक्ति से विश्वविद्यालय को शिक्षा और प्रशासन में नए आयाम मिलने की उम्मीद है.