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डोईवाला नाबालिग लड़की की मौत फांसी लगाने के कारण हुई थी, 3 डाक्टरों के पैनल ने किया साफ

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देहरादून, 7 जुलाई। डोईवाला में नाबालिग लड़की की मौत से दो दिनों तक हंगामा होता रहा. लोग सड़कों पर उतरे, जाम भी लगाया. पथराव के साथ ही पुलिस का लाठीचार्ज भी हुआ. ये सब इसलिए हुआ, क्योंकि लोगों का यह कहना था कि लड़की ने आत्महत्या नहीं की है. बल्कि, उसके साथ गलत काम कर उसे मारकर लटका दिया गया है, लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो गई है.

क्या है डोईवाला की घटना?
दरअसल, बीती शनिवार यानी 5 जुलाई को तीन नाबालिग लड़कियां कूड़ा बीनने के लिए डोईवाला क्षेत्र में घूम रही थी. तभी उन्हें कुछ स्थानीय लोगों ने स्टोन क्रशर के पास पकड़ लिया था. इस दौरान दो लड़कियां तो वहां से चली गई, लेकिन 13 साल की लड़की को पकड़ कर रखा. आरोप है कि क्रशर में काम करने वाले लोगों ने उसे स्टोर रूम में बंद कर दिया था.

वहीं, जब कुछ देर बाद लोग वहां पहुंचे तो नाबालिग लड़की फंदे पर झूल रही थी. जिस पर उन्होंने घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई. पुलिस जब तक वहां पर पहुंचती, तब तक स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. लोगों का आरोप था कि जिन लोगों ने लड़की को अंदर बंद किया है, उन्होंने उसके साथ गलत काम करके उसे मारकर लटकाया है.

लोगों ने किया हंगामा
इस घटना के बाद देर शाम से लेकर रात तक डोईवाला क्षेत्र में लोगों में उबाल देखने को मिला. हिंदू संगठन से जुड़े पदाधिकारी समेत तमाम लोग जमा हो गए. इतना ही नहीं कोतवाली पहुंचकर हंगामा किया और चौक पर जाम भी लगा दिया. जिस पर आनन-फानन में भारी पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी.

अगले दिन यानी रविवार को भी लोग सड़क पर उतरे और जाम लगा दिया. सुबह से लेकर शाम तक हंगामा सड़कों पर चलता रहा. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और परिजनों के पास पहुंचकर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के भी आश्वासन दिए, लेकिन भीड़ न तो पुलिस की सुन रही थी और न ही स्थानीय नेताओं की लगातार.

देहरादून के एक हिस्से में अराजकता का माहौल पैदा हो गया था. ऐसे में पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील किया और ये निर्णय लिया कि लड़की का पोस्टमार्टम एक सीनियर डॉक्टर के पैनल के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग की देखरेख में किया जाएगा. जिसके बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई.

यह घटना बेहद निंदनीय है, लेकिन इस पूरे मामले की जांच के लिए ऋषिकेश एसपी को नियुक्त किया है. फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के पास आ गई है. यह पोस्टमार्टम एक सीनियर महिला डॉक्टर की देखरेख में किया गया है. पैनल में तीन अन्य डॉक्टरों के अलावा कुछ और लोग भी शामिल थे.
एसएसपी अजय सिंह

लड़की के साथ नहीं हुआ था कोई गलत काम
पूरे पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई. पोस्टमार्टम में न तो लड़की के साथ किसी भी तरह के गलत कार्य की पुष्टि हुई है और न ही मारपीट या चोट के निशान पाए गए हैं. मौत का कारण फांसी से दम घुटने बताया गया है. एसएसपी अजय सिंह की मानें तो इस मामले में प्लांट के सीसीटीवी भी खंगाले, जिसमें युवक दिखाई तो दे रहे हैं, लेकिन उनकी ओर से पुलिस को की गई तुरंत कॉल और बाहर निकलते नजर आ रहे हैं.

राज्य महिला आयोग ने क्या कहा?
उधर, मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली है. उन्होंने कहा है कि अगर यह मामला बंधक बनाने या मारपीट का निकलता है तो इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है. फिलहाल, कुसुम कंडवाल का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी जानकारी सामने आई है, उसके आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी.

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