
कोटद्वार, 9 जुलाई। जंगली मशरूम खाने से एक महिला श्रमिक समेत सात नेपाली श्रमिकों की हालत बिगड़ गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल में प्राथमिक उपचार के बाद सभी श्रमिकों को बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। समय रहते उपचार मिलने से उनकी जान बाल-बाल बच गई।
गूमखाल होटल में रह रहे थे नेपाली
नेपाल के जिला सुरखेत के गांव सिम्हाना और लेखफर्सा से कई श्रमिक गुमखाल में रहकर होटल निर्माण में जुटे थे। श्रमिकों में से ही एक लाल बहादुर होटल के पीछे खाली स्थान पर उगी कुछ जंगली मशरूम तोड़कर ले आया था। सोमवार रात भोजन में वही जंगली मशरूम खाने से सात श्रमिकों की हालत बिगड़ गई थी। गांव सिम्हाना, जिला सुरखेत, नेपाल निवासी ललिता (42), सुमन बहादुर (17) और गांव लेखफर्सा, जिला सुरखेत, नेपाल निवासी धन बहादुर (53), लाल बहादुर (34), धनराज (42), धरम खत्री (52), वीरेंद्र (56) को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। समय रहते बेहतर उपचार मिलने से सभी श्रमिकों की जान बच गई।
सोमवार रात को सभी ने मिलकर खाई थी मशरूम की सब्जी
सभी श्रमिकों के एक ही जगह ठहरे होने से सोमवार रात कई श्रमिकों ने सब्जी मिल-बांटकर खा ली। भोजन करने के करीब एक घंटे बाद ही श्रमिकों की हालत बिगड़ने लगी। उल्टी-दस्त, पेट में दर्द, बेचैनी से त्रस्त श्रमिकों में चीख-पुकार मच गई।
अन्य श्रमिक उन्हें आनन-फानन में सीएचसी रिखणीखाल ले गए। वहां प्राथमिक उपचार के बाद भी हालत में सुधार नहीं होने पर मंगलवार तड़के चार बजे एंबुलेंस से सभी श्रमिकों को बेस अस्पताल भेजा गया। वहां दिन भर चले उपचार के बाद श्रमिकों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
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ये नेपाली श्रमिक हुए बीमार
नेपाल के जिला सुरखेत के गांव सिम्हाना निवासी ललिता (42), सुमन बहादुर (17) और गांव लेखफर्सा के धन बहादुर (53), लाल बहादुर (34), धनराज (42), धरम खत्री (52), वीरेंद्र (56)।
बुधवार को हालत में सुधार होने पर ललिता और सुमन बहादुर समेत तीन श्रमिकों को डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि चार श्रमिक दूसरे दिन भी भर्ती रहे।