
कश्मीर, 13 जुलाई। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इस साल अब तक दो लाख को पार कर गई है. रविवार को कुल 17,317 श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. इसके साथ ही यात्रा की कुल संख्या 2,00,063 तक पहुंच गई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार को दर्शन करने वालों में 12,210 पुरुष, 4,202 महिलाएं, 264 बच्चे, 103 साधु, 18 साध्वियां, छह ट्रांसजेंडर और 514 सुरक्षा बलों के जवान शामिल थे. बाबा बर्फानी के प्रति लोगों की आस्था और उत्साह हर दिन बढ़ता जा रहा है.
3 जुलाई से शुरू हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी. अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन पहाड़ी मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है. इसके बावजूद प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इस साल अमरनाथ यात्रा में भाग लेने वालों में ना सिर्फ भारत के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु शामिल हैं, बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग, साधु-संत और सुरक्षा बलों के जवान भी पूरी आस्था के साथ यात्रा में भाग ले रहे हैं.
यात्रा के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सेना, पुलिस, CRPF और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार यात्रा मार्ग पर निगरानी बनाए हुए हैं. साथ ही मेडिकल कैंप, विश्राम गृह, हेलीकॉप्टर सेवा जैसी सुविधाएं भी तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं. यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि अमरनाथ यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है.
निश्चिंत दिखे श्रद्धालु
अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना होने से पूर्व सी.आर.पी.एफ. के एस्कार्ट वाहन भी तैयार थे। यात्रा को हरी झंडी मिलने से सी.आर.पी.एफ. के सुरक्षा दस्ते यात्रियों के काफिले के रक्षा कवच बन गए। कड़ी सुरक्षा पाकर श्रद्धालु भी निश्चिंत हो गए। गौर रहे कि यात्री निवास की सुरक्षा को अभेद्य बनाया गया है। हाइटैक ड्रोन कैमरे, डॉग स्कवायॅड और आर.आई.एफ.डी. टैग्स से यात्रा को सुरक्षित बनाया गया है। आर.आई.एफ.डी. को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडैंटिफिकेशन कहा जाता है जिसमें अमरनाथ यात्रियों का पूरा विवरण फीड किया जाता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से लोकेशन का पता चलता है।
यह एक तरह का वायरलैस ट्रैकिंग सिस्टम है जो यात्रियों की लोकेशन को बताने का काम करता है। यात्रा के दौरान हर श्रद्धालु को यह टैग अपने पास रखना अनिवार्य है। इस टैग के कारण जनरेट होने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए उन्हें ट्रैक किया जाता है। इसी प्रकार एरियल सर्विलांस के लिए हाइटैक ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके माध्यम से पूरे रूट के कोने-कोने पर नजर रखी जा रही है।
यात्री निवास पर बम-बम भोले की गूंज
जम्मू के बेस कैम्प में कश्मीर की ओर रवाना होने से पूर्व यात्रियों में काफी उत्साह था। दर्शन के अभिलाषी अमरनाथ यात्री रात भर नहीं सोए और यात्रा शुरू होने के इंतजार तक बम-बम भोले के जयकारे लगाते रहे। सुबह 3 बजे के करीब यात्रा रवाना से पूर्व सभी श्रद्धालुओं को तैयार रहने की घोषणा की गई जिसके चलते अमरनाथ श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए।