
अल्मोड़ा, 16 जुलाई। विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में श्रावणी मेला शुरू हो गया है. हरेला पर्व पर मेले का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा ने किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस मेले का उद्घाटन करना था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण पहुंच नहीं पाए. ऐसे में उन्होंने वर्चुअली मेले का शुभारंभ कराया.
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने संबोधन में जागेश्वर धाम में जारी विकास कार्यों की जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं के विस्तार पर काम कर रही है. श्रावणी मेला के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा कि सावन माह में जागेश्वर धाम का विशेष महत्व है और श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं.
राज्य सरकार जागेश्वर कॉरिडोर बनाने लगी है. उन्होंने कहा कि आज का दिन काफी शुभ दिन है. जहां जागेश्वर के श्रावणी मेले का उद्घाटन अवसर है तो वहीं हरेला पर्व भी है. उन्होंने कामना की कि यह हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व प्रत्येक देशवासियों के लिए एवं राज्य के हर परिवार के अंदर खुशहाली लेकर आए.
अजय टम्टा ने कहा कि सरकार के माध्यम से जो भी देशवासियों के लिए उचित होगा और जो भी हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छा होगा, उन सभी को पाठ्यक्रम में लाएंगे. जिससे बच्चों को हमारे देश की संस्कृति की जानकारी मिले. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति पर हमारे देश का संस्कार जाना चाहिए. तभी राष्ट्र की भावना और राष्ट्र का प्रेम हर व्यक्ति पर पहुंचेगा.
शिव को समर्पित मंदिरों का समूह है जागेश्वर धाम
जागेश्वर धाम भगवान शिव को समर्पित मंदिरों का समूह है, जो अपनी आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और वास्तु शिल्प के लिए प्रसिद्ध है. यह धाम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहर और वास्तुशिल्पीय उत्कृष्टता का अनूठा संगम भी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जागेश्वर धाम वो स्थान है, जहां सबसे पहले भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा शुरू हुई थी. इसे भगवान शिव की तपोस्थली माना जाता है. यहां पर शिवत्व को एहसास होता है.