स्कूलों की एक क्लास में होने चाहिए सिर्फ 40 स्टूडेंट? समझ लें CBSE के नियम

नई दिल्ली, 24 जुलाई। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने विशेष परिस्थितियों में अपने स्कूलों को एक सेक्शन में 40 से अधिक स्टूडेंट्स के दाखिले की छूट दी है। अधिकतम 45 स्टूडेंट्स का दाखिला किया जा सकता है मगर इसमें शर्तें शामिल हैं। बोर्ड ने इससे पहले 2023-24, 2024-25 के लिए भी यह फैसला लिया था, इस साल इस छूट का आखिरी साल होगा। बोर्ड ने स्कूलों को संसाधनों को बढ़ाने और अतिरिक्त क्लास बनाने की सलाह दी है ताकि आदर्श रूप से 40 स्टूडेंट्स की सीमा का पालन किया जा सके।
स्टूडेंट्स के ट्रांसफर, अभिभावकों के ट्रांसफर (विशेषकर डिफेंस, सरकारी और निजी क्षेत्रों में कार्यरत), आवश्यक दोहराव (इसेंशल रिपीट – ER), प्रदर्शन में सुधार, गंभीर स्वास्थ्य स्थिति या हॉस्टल से शिफ्ट होने जैसे कारण की स्थिति में ही सीबीएसई ने स्कूलों को यह छूट देने का फैसला लिया है कि वह अपने स्कूलों में 40 से ज्यादा एडमिशन कर सकें। यह छूट संबंधित क्षेत्रीय ऑफिस की अनुमति से ली जाएगी।
साथ ही किसी भी स्थिति में 45 स्टूडेंट्स से ज्यादा छात्रों को एक सेक्शन में नहीं रखा जाएगा। स्कूल को हर ऐसे एडमिशन का कारण पोर्टल और रजिस्टर में दर्ज करना जरूरी होगा। बोर्ड का कहना है कि जहां 45 स्टूडेंट्स का एडमिशन किया जा रहा है, वहां क्लास का आकार न्यूनतम 500 वर्ग फुट होना चाहिए और प्रति स्टूडेंट एक वर्ग मीटर की जगह सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इसके अलावा स्कूलों की ओर से बोर्ड के नियमों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया गया है। किसी भी नियम के उल्लंघन की स्थिति में स्कूलों को नोटिस दिया जा सकता है।