नई दिल्ली। पिता के आंसुओं को देख कर मानों श्मशान भी रो रहा हो। नई दिल्ली गोकुलपुरी के जिस गांव में कल आग लगी थी वहां से एक साथ जब सात अर्थियां उठीं तो श्मशान को भी शायद रोना आ गया होगा। दिल दहला देने वाली इस घटना ने सबको हतप्रभ कर दिया। इस अनहोनी ने कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया था। कई परिवारों के घरों का दीपक बुझ गया। इनमें तीन परिवार ऐसे भी थे, जिनकी बेटियों के हाथों में सुहाग की मेहंदी लगने वाली थी, जो अब अरमानों में दफन हो गई।
परिवारवालों ने साल भर से पाई-पाई जोड़कर बहन, बेटी की शादी का इंतजाम किया था, जो सब आग के हवाले हो गया। हादसे में मृत एक ही परिवार के पांच लोगों और अन्य परिवार के दो लोगों का पोस्टमार्टम जीटीबी अस्पताल में हुआ। वहां से शहीद भगत सिंह दल की एंबुलेंस शवों को मंडोली चुंगी स्थित श्मशान घाट पहुंची।
शवों को अग्नि देने के लिए परिवार ही नहीं बल्कि अन्य स्थानीय लोग भी पहुंचे। पिता के आंसुओं के साथ जैसे ही एक साथ सात शवों को अग्नि दी गई तो परिजनों के अलावा स्थानीय लोगों का गुबार भी फूट पड़ा। कई महिलाएं रो-रोकर बेहोश भी हो गईं।