
देहरादून। बिजली संकट और उससे पैदा हुई त्राहिमाम की स्थिति से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बहुत नाराज हैं। उन्होंने बिजली विभाग के अफसरों के साथ ही शासन के आला नौकरशाहों की बैठक बुलाकर उन्हें समय रहते बिजली संकट प्रबंधन नहीं करने और सिर्फ समस्याओं का रोना रोने पर कड़ी फटकार लगाई। सीएम ने बिजली कटौती को दूर करने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश देते हुए आमजन और औद्योगिक जगत को तत्काल राहत दिलाने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली। सीएम ने साफ लफ्जों में कहा कि समस्या का समाधान भी होता है। विभागीय अफसर समस्या के साथ ही उसके समाधान पर भी रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने ऊर्जा, यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल के अधिकारियों से कहा बिजली समस्या से निपटने का उपाय शीघ्र मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को अवगत करायें। उन्होंने अधिकारियों को ये भी याद दिलाया कि पूरी तैयारी के साथ ही बैठक में आयें, अन्यथा नहीं। उन्होंने अधिकारियों को कार्य संस्कृति में व्यावहारिकता लाने के निर्देश दिये और कहा कि प्रदेश का विकास सामूहिक जिम्मेदारी है। सीएम ने सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली चोरी तथा लाइन लॉस को शून्य करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब औद्योगिक क्षेत्रों एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली संकट की समस्या की शुरुआत उत्पन्न हो रही थी, तब इसके उचित समाधान निकालने के सार्थक प्रयास क्यों नहीं किये गये? मुख्य सचिव एसएस संधू , एसीएस आनंद वर्द्धन व अन्य अफसर बैठक में मौजूद रहे।
“ऊर्जा के संबंध में पिछले कुछ दिनों में बिजली कटौती जैसी चीजें सामने आई है। आज हमने इस पर गहन समीक्षा की है। विभाग को निर्देशित किया है कि संकट का प्रबंधन किया जाए। यदि इसके लिए भारत सरकार से बात करने की जरूरत होगी तो वह भी किया जाएगा। पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड