अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने रखी गर्भगृह की पहली शिला

लखनऊ। अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने रामलला के गर्भगृह की प्रथम आधारशिला रखी। इस मौके पर डिप्टीसीएम केशवप्रसाद मौर्य सहित रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य, राममंदिर निर्माण समिति के सदस्य रामनगरी के 90 संतमहंत एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस अवसर पर योगी ने कहा कि गर्भगृह का शिलापूजन मेरे लिए सौभाग्य की बात है। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ 2 वर्ष पहले पीएम मोदी के कलकमलों से हुआ और सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्यमंदिर अयोध्या धाम में बनकर देश-दुनिया के सभी सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक तो बनेगा ही, श्रीरामजन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा।
मंदिर की नींव का कार्य पूर्ण हो चुका है और गर्भगृह निर्मित होने के साथ ही सांस्कृतिक अस्मिता के नवयुग का आरंभ हो जायेगा। यह दिन देखने को रामभक्तों ने पांच शताब्दी तक संघर्ष किया और कई पीढ़ियों ने बलिदान दिया।
मीर बाकी के तोप गोलों से ध्वस्त हुआ था राम मंदिर
एक मार्च 1528 को मीर बाकी के तोप गोलों से राम मंदिर के साथ केंद्रीय आगार भी ध्वस्त हो गया था, जहां रामलला विराजमान थे। रामलला तो अपने गर्भगृह से वंचित हुए ही, उस स्थान पर ध्वस्त मंदिर के मलबे से मस्जिद बना दी गयी थी। इसके बाद 76 युद्ध हुए और लाखों रामभक्तों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया।
छह दिसंबर 1992 को ध्वंस हुआ था विवादित ढांचा
छह दिसम्बर 1992 को रामलला को विवादित इमारत के ध्वंस के बाद रामलला को 27 साल तीन माह और 19 दिन बिना छत के रहना पड़ा। 25 मार्च 2022 को रामलला को वैकल्पिक गर्भ मिला। तय कार्यक्रमानुसार रामलला भले ही 2023 तक मूल स्थान पर निर्मित गर्भगृह में विराजमान होंगे, किंतु बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों भव्य गर्भगृह के निर्माण की शुरुआत के साथ ही रामभक्तों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं।