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सालों इंतजार के बाद श्रद्धालुओं ने किया चालदा महासू के दर्शन

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देहरादून। महासू देवता भगवान भोलेनाथ के रूप हैं। मान्यता है कि महासू ने किसी शर्त पर हनोल का  मंदिर जीता था। महासू देवता जौनसार बावर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ईष्ट देव हैं। किवदंती है कि महासू देवता का मंदिर जिस गांव में बना है उस गांव का नाम हुना भट्ट ब्राह्मण के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तट पर स्थित है।

हनोल महासू देवता मंदिर का निर्माण हूण राजवंश के पंडित मिहिरकुल हूण ने करवाया था। हणोल गांव, जौनसार बावर, उत्तराखंड में स्थित यह मंदिर हूण स्थापत्य शैली का शानदार नमूना है व कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर है।

प्रकृति की गोद में बसा एक प्रसिद्ध मंदिर है ‘महासू देवता’। जो भी यहां सच्चे दिल से कुछ मांगता है कि उसकी मुराद पूरी होती है। दिलचस्प है कि का जाना मना है। केवल मंदिर का पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकता है। यह बात आज भी रहस्य है। मंदिर में हमेशा एक ज्योति जलती रहती है जो दशकों से जल रही है।

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