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सेल्फी लेना भारी पड़ा, दो युवकों ने गंवाई जान

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देहरादून। आज मीडिया में भी बहस छिड़ी हुई है कि सेल्फी लेना क्या जुर्म है। मनोचिकित्सकांे की मानें तो यह शौक एक मनोविकार का रूप पकड़ चुका है। जरूरत से अधिक खुद की या दूसरों के संग ली गयी तस्वीर सोशल मीडिया पर डालना एक तरह की पागलपन की बीमारी है। दुनिया भर में इससे जुड़ी होने वाली मौतों में आधे से अधिक भारत में होती हैं। इसका एक उदाहरण आज फिर सामने आया।

देहरादून-काठगोदाम एक्सप्रेस चलत ट्रेन के आगे सेल्फी ले रहे अल्मोड़ा के दो युवकों की मौत हो गई। ट्रेन की टक्कर लगने से दोनों रेलवे पटरी के किनारे बह रहे नाले में समा गए। मृतकों में एक युवक 31वीं वाहिनी पीएसी में तैनात महिला कांस्टेबल का भाई था, जबकि दूसरा उसका साथी था। पुलिस के मुताबिक, एडम स्कूल के निकट अल्मोड़ा निवासी लोकेश लोहनी (35) अपने साथी जल निगम कॉलोनी, अल्मोड़ा निवासी मनीष कुमार आर्या (25) के साथ शुक्रवार सुबह छह बजे अल्मोड़ा से रुद्रपुर के लिए निकला था। लोकेश 31वीं वाहिनी रुद्रपुर में तैनात अपनी कांस्टेबल बहन शांति विहार निवासी लक्ष्मी के घर आ रहा था। दोनों शाम चार बजे रुद्रपुर पहुंच गए थे। लोकेश मनीष को लेकर अपनी बहन के घर गया।

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