देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट भूचाल से गरम हुई सियासत आभी ठंडी पड़ी ही थी कि शुक्रवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर ने सियासत फिर गरमा गई। हरक सिंह के पास वन एवं पर्यावरण, श्रम एवं आयुष मंत्रालय है। हालांकि उनके इस्तीफे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी। भाजपा ने भी उनके इस्तीफे से इंकार किया था।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर के साथ ही उनके दिल का दर्द भी बाहर आया है। उनके करीबियों का कहना है कि वह बहुत आहत हैं। हरक ने उनसे अपना दर्द बयान किया कि अगर मैं कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज मांग रहा हूं तो क्या अपने लिए मांग रहा हूं। इन्होंने मुझे पांच साल में भिखारी बनाकर रख दिया। उधर, रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा छोड़ने की चर्चा रही, लेकिन देर रात उन्होंने इससे इन्कार किया। काऊ ने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित सिपाही हैं। काऊ को हरक सिंह के करीबियों में माना जाता है। देर रात इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी सक्रिय हो गया।