पहाड़ में पहाड़ सा जीवन: सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं सब बदहाल
उत्तरकाशी। आजादी के वर्षों बाद भी अब तक पहाड़वासी जरूरी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। पहाड़ों पर सबसे कठिन काम सड़क बनवाना होता है, क्योंकि संकरे रास्तों को भी सही करने में जहां महीनों लग जाते हैं, तो वहां सड़क बनाने की क्या स्थिति होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। पहाड़ी लोगों का जीवन इन्हीं कारणों से कष्टप्रद होता है। पहाड़ों से पलायन का यह भी महत्वपूण कारण हो सकता है। सरकार भी हालत सुधारने की ओर कतई गंभीर नहीं दिखती। सच्चाई तो यह है कि पहाड़ों की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। पहाड़ों में विशेषज्ञ डाक्टर तो दूर सामान्य चिकित्सकों तक का टोटा रहता है।।
प्रखंड नौगांव के अंतर्गत बनाल पट्टी के अंतिम अरूण व गौल गांव के लोग बुनियादी सुविधा सड़क सुविधाओं के अभाव में पहाड़-सा जीवन जी रहे हैं। बीते शनिवार को गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग कुंदन सिंह की तबीयत खराब हो गई। गांव तक सड़क न होने के कारण लोगों ने बीमार को डंडे पर कंबल लपेटकर और मरीज को उस कंबल में रखकर गांव से किसी तरह सड़क मार्ग से किसी तरह अस्पताल पहुंचाया।