देहरादून। सिखों के 10वें धर्मगुरु गुर गोविंद सिंह की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी को एक महान स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक अच्छे कवि के रूप में जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह के त्याग और वीरता की आज तक मिसाल दी जाती है। साथ ही उनकी बहादुरी के किस्सों से इतिहास की किताबें भरी पड़ी हैं। भारत में सिर्फ सिख धर्मावलंबी ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी प्रकाश पर्व को उत्साह के साथ मनाते हैं।
गुरुद्वारा करनपुर से प्रात: पंज प्यारे की अगुआई में नगर कीर्तन सर्वे चौक, क्वालिटी चौक, घंटाघर, पलटन बाजार, धामावाला बाजार, लक्खीबाग पुलिस चौकी से होते हुए गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पहुंचा। संगत ने गुरु गोविंद सिंह का गुणगान किया। विभिन्न जगहों पर संगत का स्वागत किया गया। वहीं, स्टाल पर प्रसाद ग्रहण किया।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार की प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुलजार सिंह ने बताया कि रात का दीवान गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में सजेगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भव्य कार्यक्रम नहीं होंगे। दिन में लोग को परेशानी न हो इसलिए सुबह ही नगर कीर्तन निकाला गया।