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नेगी दा ने होली पर गीत गाकर फिर किया कटाक्ष, सियासी हलकों में हलचल तेज, पहले भी कर चुके हैं धमाका

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देहरादून, 13 मार्च। पूरा देश भर में रंगों के त्योहार की धूम है. कहीं होली के गीत गूंज रहे हैं तो कहीं अबीर गुलाल के रंग उड़ रहे हैं. कहीं हवाओं में गुजिया की खुशबू घुल रही तो कहीं होली मिलन कार्यक्रम में महफिल जमी है. ऐसी ही एक महफिल लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने जमाई. जहां होली मिलन कार्यक्रम में उन्होंने हाथों में हारमोनियम बजाते हुए सुरों के ऐसे राग छेड़े, जो अब चर्चाओं में हैं. उन्होंने अपने गीतों के बोल में ऐसे शब्दभेदी तीर छोड़े हैं. जिससे सियासी पारा चढ़ गया है.

नेगी दा के नौछमी नारायणा गाने से गिर गयी थी एनडी तिवारी सरकार
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने सरकारी नौकरी में रहते हुए कई ऐसे गीत लिखे जो सीधे सरकार के कामकाज पर कटाक्ष होते थे। पहाड़ की नब्ज को पहचानने वाले नरेंद्र सिंह नेगी ने एक ऐसा गीत लिखा जिसने एक पूरी सरकार ही गिरा दी। ये एक ऐसी गीत था जिसके खिलाफ पूरी उत्तराखंड सरकार मैदान में आ गई। नरेंद्र सिंह नेगी के कई शोज रद्द किए गए। उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी गई। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी गीत को सेंसर बोर्ड ने सेंसर किया था। लेकिन इन सब ज्यादतियों के बावजूद उस गाने ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जिसे आजतक उत्तराखंड का कोई गाना या गायक तोड़ नहीं पाया है। घुघुती इस स्पेशल रिपोर्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं, उस गाने के बनने की पूरी कहानी जिसने ND तिवारी की सरकार गिरा दी थी।

होली गीत के जरिए कटाक्ष


दरअसल, होली मिलन कार्यक्रम में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने गढ़वाली में ‘मत मारो मोहन पिचकारी…’ गीत गाया. गीत के आगे के अंतरे में उन्होंने इन दिनों सूबे में चल रहे सियासी माहौल पर निशाना साध लिया. जिसकी अब खूब चर्चाएं हो रही है. नेगी दा के इस गाने से सियासी हलकों में हलचल सी मच गई है.

केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद के खिलाफ गरमाया है माहौल
इन दिनों कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर पहले ही माहौल गरमाया हुआ है. कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. ऐसे माहौल के बीच नेगी दा का गीत भी सामने आ गया. जिससे सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है. वहीं, नेगी दा के इस गीत पर तरह-तरह प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं.

बता दें कि उत्तराखंड में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी अपनी अलग पहचान रखते हैं. उन्होंने अपने गीतों के जरिए उत्तराखंड के तमाम मुद्दों और जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सामने रखने का काम किया है. नेगी दा इससे पहले भी कई ऐसे गीत गा चुके हैं, जिसने सरकार की कुर्सी तक हिलाई थी. अब नेगी दा ने होली पर गीत गाकर कटाक्ष किया है.

1949 में पौड़ी में जन्मे नरेंद्र सिंह नेगी
उत्तराखंड रत्न नरेंद्र सिंह नेगी का जन्म 12 अगस्त 1949 को पौड़ी जिले के पौड़ी गांव में हुआ था. मां समुद्रा देवी और पिता उमराव सिंह नेगी के घर में जन्मे नरेंद्र सिंह नेगी की संगीत यात्रा को 50 साल पूरे हो चुके हैं. इन 50 सालों में उन्होंने ऐसे-ऐसे गीत लिखे और गाए कि उनके प्रशंसकों ने उन्हें सिर आंखों पर बिठा लिया. उन्होंने जीवन और प्रकृति के साथ लोक व्यवहार, तीज-त्यौहार और राजनीति पर व्यंग्य करते हुए ऐसे-ऐसे गीत गाए कि वो लोगों की जुबान पर चढ़ गए.

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