
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उतराखंड राज्य के देहरादून में हिमालय की तलहटी में शिवालिक पर्वतमाला की पहाड़ियों और तलहटी मेंे देहरादून से 23 किमी की दूरी पर स्थित है। यह उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। 1983 से पहले इस क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य थे- राजाजी, मोतीचूर और चीला। महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इसका नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया। 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है। इसके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, सांभर और मोर भी काफी संख्या में पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 प्रजातियां पाई जाती हैं।
वन्यजीवों और पक्षियों के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व में किंग कोबरा, अजगर, मगरमच्छ समेत सरीसृप की 20 प्रजातियों के जीव भी हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों, पक्षियों, सरीसृपों के अलावा 60 प्रकार की जड़ी बूटियां और पेड़ में 118 प्रजातियां पाई जाती हैं। साल 1983 में राजाजी टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के नाम इसका नाम राजाजी टाइगर रिजर्व रखा गया।