पटना। नहीं थम रही मासूमों से दरिंगदी। आखिर कब तक हवस के दरिंदे मासूमों पर अपना जुर्म उठाते रहेंगे। दिल्ली, हाथरस, राजस्थान न जाने कितने नाम हैं, ऐसे लोगों को तो न कोर्ट, न कचहरी, सरेआम चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। कोई दिन ऐसा नहीं होता जब इस तरह की घटनाएं सुनने को न मिलती हों।
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ऐसी है एक हृदय विदारक घटना बिहार के बांका के चांदन थाना इलाके में शनिवार को घटित हुई। आठ साल की मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म के उसकी आंखें फोड़ दी जाती हैं। इतना ही नहीं उसके शव को बालू के रेत में गाड़ दिया जाता है।
बच्ची खेलते कूदते अचानक गायब हो जाती है। छोटे भाई के बताने पर परिजनों ने बच्ची की तलाश की, लेकिन नहीं मिली। पुलिस को सूचना दी गई। मासूम को तलाश रहे परिजन शनिवार देर रात चांदन रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे। वहां शव के आसपास कुत्ते मंडरा रहे थे। तभी रेत के नीचे दबा मासूम का शव दिखाई दिया। परिजनों ने अपनी बिटिया का पहचान लिया। मासूम की आंखें फोड़ दी गई थीं। वह निर्वस्त्र थी। शव देखते ही परिजन विलख पड़े।
तीन संदिग्ध लोग गिरफ्तार
परिवारवालों का कहना है कि बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। हालांक पुलिस ने मेडिकल के बाद ही कुछ कहने की बात कही है। चांदन पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों के शक के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ चल रही है। तीनों संदिग्ध मासूम के गांव के ही हैं।