गैंगस्टर यशपाल की संपत्ति कुर्की के आदेश

देहरादून। गैंगस्टर यशपाल तोमर पर जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार के आदेश के बाद एसटीएफ ने 153 करोड़ की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। यशपाल को ज्वालापुर हरिद्वार में गैगस्टरएक्ट का मुकदमा दर्ज होने के बाद जेल भेजा गया था। कई राज्यों में यशपाल तोमर पर 13 मुकदमे दर्ज हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस टीम के लिए इस कार्यवाही पर पचास हजार पुरस्कार की घोषणा की है। यशपाल की ऐसी कहानी प्रकाश में आई जो वॉलीवुड की फिल्म ‘सात उच्चके’ से मिलती जुलती थी।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि यशपाल तोमर के खिलाफ बीतेसाल हरिद्वार के व्यापारी से सम्पत्ति हड़पने के आरोप में ज्वालापुर थाने में मुकदमा दर्ज किया था। यशपाल तोमर के कारनामों की लंबी फेहरीस्त है। उसने शासन-प्रशासन, पुलिस, सफेदपोश रसूखदारों से घनिष्ठता बनाई। एसटीएफ ने पीड़ितों को न्याय दिलाने का विश्वास दिलाया। यशपाल तोमर और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करवाए। पुलिस मुख्यालयके आदेश पर जांच हरिद्वार से स्थानांतरित कर एसटीएफ के सुपुर्द की गई थी।
गैंगस्टर यशपाल तोमर का नेटवर्क
गैंगस्टर यशपाल तोमर मूल रूप से ग्राम बरवाला थाना रमाला बागपत का रहने वाला है। थाना बरवाला के तत्कालीन एक पुलिस अधिकारी के सम्पर्क में आया। सफेदपोश शातिरअपराधी बनगया। 153 करोड़ की सम्पत्ति अर्जित की। 2002 में जानलेवा हमला, अवैध हथियार व धोखाधड़ी के जुर्म में गिरफ्तार हुआ था। 2004 में व्यापारी के खिलाफ सरसावा व साहिबाबाद थाने में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण व बलात्कार का फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया दिया। समझौते का दबाव बनाकर भूपतवाला स्थित करोड़ों की जमीन औने पौने दाम में खरीदी। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के व्यापारियों, किसानों के खिलाफ काल्पनिक स्टोरी बनाकर बलात्कार, जानसे मारने का प्रयास, छेडछाड, चोरी के मुकदमें दर्ज करवाए। गैंग में महिलाएं व अन्य लोग शामिल थे। समझौते के नामपर संपत्ति को हथिया लेता था।