नई दिल्ली। मिताली राज के 23 साल के स्वर्णिम करियर का अब अंत हो गया। मिताली ने 16 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उन्होंने 23 साल तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की और कई कीर्तिमान अपने नाम किए। 39 साल की उम्र में मिताली ने क्रिकेट को अलविदा कर दिया।
टेस्ट में मिताली भारत की ओर से दोहरा शतक लगाने वाली इकलौती महिला बल्लेबाज हैं। 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ मिताली ने 214 रन की पारी खेली थी। यह महिला क्रिकेट टेस्ट में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भी है।
मिताली को 2003 में अर्जुन पुरस्कार और 2017 में विजडन लीडिंग वुमन क्रिकेटर इन द वर्ल्ड पुरस्कार दिया गया था। उन्हें 2015 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। 2021 में मिताली को खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
संन्यास का ऐलान करते हुए मिताली ने कहा ‘इतने सालों तक टीम का नेतृत्व करना सम्मान की बात थी। इसने मुझे निश्चित रूप से एक व्यक्ति के रूप में आकार दिया और उम्मीद है कि इससे भारतीय महिला क्रिकेट को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।’
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने लिखा ‘एक शानदार करियर का अंत! भारतीय क्रिकेट में आपके अपार योगदान के लिए आपका धन्यवाद, मिताली राज। आपके नेतृत्व ने राष्ट्रीय महिला टीम का गौरव बढ़ाया। मैदान पर शानदार पारियों के लिए बधाई और अगली पारी के लिए शुभकामनाएं।’
पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा ‘भारत के खेलने का सपना बहुत कम लोग पूरा कर पाते हैं और मिताली राज के 23 साल तक देश का प्रतिनिधित्व करना अद्भुत है। आप भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक स्तंभ रही हैं और आपने कई युवा लड़कियों के जीवन को लक्ष्य दिया है। शानदार करियर के लिए बहुत-बहुत बधाई, मिताली राज।’
अंत में मिताली ने कहा ‘यहां मेरी यात्रा खत्म होती है, लेकिन एक नई यात्रा की शुरआत होगी। मैं इस खेल में बने रहना चाहती हूं। मैं इस खेल से प्यार करती हूं। मुझे भारत और पूरी दुनिया में महिला क्रिकेट को बढ़ाने के लिए अपना योगदान देने में खुशी होगी। मेरे सभी फैन्स का प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।’