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अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की फजीहत, 6 माह जेल, 25 हजार जुर्माना भी

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देहरादून, 7 फरवरी। समान नागरिकता बिल पास होते ही लिव इन रिलेशनशिप में रहना आसान नहीं होगा। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए बिल पेश कर दिया है। इसे समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड 2024 बिल दिया गया है। समान नागरिक संहिता का बिल अगर विधानसभा में पास हो जाता है, तो इसे फिर राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के दस्तखत होते ही ये कानून बन जाएगा। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा।अभी गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है, लेकिन वो पुर्तगाल के शासन से ही है।

कानून बनने के बाद सभी लोगों पर लागू होगा UCC
बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद धामी सरकार ने एक कमेटी बनाई थी कमेटी ने ढाई लाख से ज्यादा सुझाव मांगे और उस आधार पर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। कानून बनने के बाद ये सभी लोगों पर लागू हो जाएगा। हालांकि, इस कानून के प्रावधान अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों पर लागू नहीं होंगे। अगर ये कानून बन जाता है तो इससे बहुविवाह पर भी रोक लग जाएगी। इतना ही नहीं, बिल में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी सख्त प्रावधान हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों के लिए नियम
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या इसकी तैयारी करने वालों के लिए यूसीसी के बिल में नियम बनाए गए हैं। ये नियम सभी पर लागू होंगे, फिर चाहे वो उत्तराखंड का मूल निवासी हो या न हो। नियमों के मुताबिक, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को जिले के रजिस्ट्रार के सामने इसको डिक्लेयर करना होगा। इतना ही नहीं, अगर इस रिलेशनशिप को खत्म करना चाहते हैं तो उसकी जानकारी भी देनी होगी। इसके तहत, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को भी अपना रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही होगा साथ माता-पिता की सहमति भी लेनी होगी। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/

ऐसे करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रार के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। ऐसी रिलेशनशिप में रहने वाले 21 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को रजिस्ट्रेशन के लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी। अगर कोई कपल बिना सूचित किए एक महीने से ज्यादा लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा होगा, तो उन्हें तीन महीने की जेल की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के दौरान अगर गलत जानकारी दी जाती है, तो दोषी पाए जाने पर तीन महीने की जेल या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

बच्चे को भी माना जाएगा वैध
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के दौरान अगर बच्चा पैदा होता है तो उसे भी वैध माना जाएगा। इसके साथ ही अगर रिलेशनशिप टूटती है तो महिला अदालत जा सकती है और गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है।

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