चैता की चैत्वाली और ‘फ्यूंलड़ियां’ के युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल अब नहीं रहे
देहरादून। चैता की चैत्वाली और फ्यूंलड़ियां से गढ़वाल के संगीत झकझोर देने वाले युवा संगीतकार और गायक गुंजन डंगवाल की सड़क हादसे में दुखद मौत हो गयी। टिहरी निवासी शिक्षक कैलाश डंगवाल के पुत्र गुंजन डंगवाल का शनिवार चंडीगढ़ के पंचकूला में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। वे अकेले ही अपने किसी दोस्त से मिलने चंडीगढ़ जा रहे थे। वह कार स्वयं चला रहे थे। रास्ते में उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई और मौके पर ही उनकी मौत हो गयी।
भिलंडना ब्लाक के खसेती के नई टिहरी गढ़वाल निवासी युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल (26) ने इलेक्ट्रिकल से बीटेक किया था, लेकन संगीत में रुचि होने के कारण उन्होंने काफी छोटी सी उम्र में गायन और संगीत में काफी ख्याति अर्जित कर ली थी। उनके आकस्मिक निधन पर लोक संगीत, सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने गहरा दुख जताया है।
‘चैता की चैत्वाली’ गीत उत्तराखंड के ‘चैत्वाली’ लोकगीतों पर आधारित है। दिसम्बर 2017 में किशन महिपाल के ‘फ्यूंलड़ियां’ को पीछे छोड़कर यह गीत यू-़ट्यूब पर सबसे ज्यादा सुना जाने वाला गढ़वाली आडियो गीत बना था। चैत्वाली चैत के महीने में गाए जाने वाले विशेष गीतों को कहा जाता है। उत्तराखण्डी लोककथाओं के अनुसार चैत के महीनों में खिले फूलों को देखकर आछरी (परी) नृत्य करने लगती है। इसलिए इन गीतों को आछरी जागर भी कहा जाता है। चैत्वाली ने गढ़वाली में सबसे पहले 50 लाख का आंकड़ा छूने का कीर्तिमान हासिल कर लिया था। चैत्वाली को केवल गढ़वाली ही नहीं, बल्कि संगीत को पसंद करने वाला हर आदमी सुन रहा है। यही कारण है कि पंजाबी, कुमाऊंनी, जौनसारी सबके आयोजनों में यह गीत खूब सुना जा रहा है। शादी-ब्याह, स्कूलों की पार्टियां और अन्य सांस्कृतिक आयोजन तो इस गीत के बिना अधूरे हैं।
गुंजन ने बहुत ही कम समय में संगीत के क्षेत्र में नाम कमा लिया था। उनका पहला एलबम ‘नंदू मामा की स्याली’ काफी चर्चित हुआ था। धीरे-धीरे गुंजन संगीत के साथ-साथ गीत और वीडियो एलबम बनाने के लिए भी कार्य करने लगे। इन दिनों उनका गीत ‘चैता की चैत्वाल्या’ संगीत ने बाजार में धूम मचा रखी थी। पेशे से संगीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक किया था। संगीत विशारद की डिग्री भी उनके पास थी।
गुंजन की मौत पर विधायक किशोर उपाध्याय, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष सोना सजवाण, महीपाल नेगी, गायक पदम गुंसाई, रवि गुंसाई, बीना बोरा, सूर्यपाल श्रीवाण, उमेश चरण गुंसाई, प्रदीप रमोला, डा. नरेंद्र डंगवाल, राकेश राणा, डा. वीर सिंह रावत, डी.एस. भंडारी आदि कई लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।