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करोड़ों छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल 150 से अधिक शिक्षण संस्थानों को नोटिस

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देहरादून। छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल सैकड़ों शिक्षण संस्थानों को निदेशालय ने नोटिस जारी किया है। इन्हें चार साल के दस्तावेजों के साथ 10 दिन के अंदर पेश होने को कहा है। पूछताछ के बाद इस घोटाले में कार्रवाई करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय भी तैयार बैठा है।

करोड़ों छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल शिक्षण संस्थानों पर अब ईडी का शिकंजा कसने वाला है। निदेशालय ने 150 से अधिक शिक्षण संस्थानों के मालिकों और अधिकारियों को 10 दिन के अंदर अपने जवाब देने को कहा है।

2017 में 300 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। कई स्कूलों ने एससी-एसटी छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर करोड़ों डकार लिये थे। इसकी जांच को सरकार ने एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने 2018 में हरिद्वार में 15 मुकदमे दर्ज किये, जिनमें 78 शिक्षण संस्थान शामिल थे। इसके अलावा देहरादून में 32 मुकदमों में 57 शिक्षण संस्थानों को आरोपी बनाया गया।

ईडी के सहायक निदेशक विदी चंद्रशेखर की ओर से इन शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी कर मनी लांड्रिंग एक्ट में जांच शुरू की है। इन संस्थानों से 2013 से लेकर 1027 तक सारे दस्तावेज 10 दिन के अंदर ईडी कार्यालय में मांगे गए हैं।

लाकडाउन की वजह से शुरू नहीं हो पाई थी जांच
इस मामले में लाकडाउन से पहले भी नोटिस दिया गया था, लेकिन कोविड की वजह से इसे बंद कर दिया गया था। पुलिस की जांच में यह घोटाला 300 करोड़ से ज्यादा आंका गया है।

जांच में सरकारी अधिकारियों पर लटकेगी तलवार
एसआईटी ने इस मामले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की थी। 90 फीसदी जांच हो भी चुकी है। इनमें कुछ अधिकारी उत्तराखंड तो कुछ यूपी के हैं। फिलहाल एसआईटी जांच की निगरानी एसपी उत्तरकाशी कर रहे हैं। इससे पहले ढाईसाल तक एसपी मंजूनाथ टीसी ने पर्यवेक्षण किया था।

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