देहरादून। नौकरशाही पर सीएम धामी का चाबुक चला। आईएएस रामबिलास यादव को धामी आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही जांच में सहयोग न देने के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने निलंबित कर दिया है।
नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को देहरादून में विजिलेंस केसमक्ष पुश हुए। जहां उनसेआठ घंटे पूछताछ चली। यादव वर्तमान में उत्तराखंड शासन में समाज कल्याण और कृषि विभाग में अपर सचिव हैं। यादव की इसी 30 जून को सेवानिृत्त होनी है।
रामबिलास यादव के यूपी में तैनाती के दौरान आय से अधिक संपत्ति के मामला सामने आया था। यूपी सरकार ने इसकी विजिलेंस जांच कराई थी, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही 2019 में यादव अपने मूल काडर उत्तराखंड में लौट आए थे। इस बीच यूपी सरकार ने उत्तराखंड को पत्र लिखकर कार्रवाई की सिफारिश की थी।
उत्तराखंड में विजिलेंस ने खुली जांच शुरू करने के बाद अप्रैल में यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन वह विजिलेंस में बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे थे। इस पर विजिलेंस ने कोर्ट के आदेश लेकर पिछले दिनों यादव के उत्तराखंड और यूपी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापे में यादव की इन दोनों राज्यों में 20 से अधिक संपत्तियों का पता चला था। यादव छापे की कार्रवाई से पहले अवकाश पर चले गये। विजिलेंस का शिकंजा कसता देख यादव मंगलवार को नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। साथ ही आदेश दिया गया कि वह बुधवार तक विवेचक के समक्ष बयान दर्ज करायें।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
रिटायरमेंट से केवल सातदिन पहले आईएएस रामबिलास यादव को सरकार की ओर से निलंबित करने व विजिलेंस की लंबी पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की अटकलें तेज हो गयी हैं। विजिलेंस के पास उनके विरुदध पर्याप्त साक्ष्य की बात कही जा रही है।