उत्तराखंड में जेल जाने वाले पहले आईएएस अधिकारी बने रामविलास यादव
देहरादून। उत्तराखंड में जेल जाने वाले रामविलास यादव पहले आईएएस अधिकारी हैं। अकाउंट में करोड़ों रुपये कहां से आए रामविलास यादव के पास इसका कोई जवाब नहीं था। उन्हें नहीं पता कि उनके अकाउंट में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किसने किया। आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस दफ्तर में आईएएस रामविलास यादव अधिकारियों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। बहुत सारे सवालों को उन्होंने पत्नी पर टाल दिया, जिससे उनकी पत्नी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गयी है।
यूपी में अखिलेश यादव के समय थी हनक
यूपी के सीएम अखिलेश यादव की सपा सरकार में रामविलास यादव लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित कई अहम पदों पर रहे। उस समय रामविलास यादव की यूपी में तूती बोलती थी। 2017 में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही रामविलास की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गयी। त्रिवेंद्र रावत की सरकार के दौरान भी यादव पर जांच हुई और पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने के बाद अप्रैल 2022 में मुकदमा दर्ज हुआ। विजिलेंस के हाथ जो दस्तावेज लगे उसके आधार पर गुरुवार को रामविलास यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
संपत्ति के बारे में नहीं दे पाये संतोषजनक जवाब
दिलकश विहार लखनऊ में रानी कोठी स्थित आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में खरीदी गयी जमीन की रजिस्ट्री, गाजीपुर में 10 बीघा जमीन, परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में जमा करोड़ों की धनराशि और परिवार के खर्चों के बारे में रामविलास यादव के पास कोई जवाब नहीं था।
पत्नी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटका गये
यादव कई सवालों को अपनी पत्नी पर ही टाल गये। इसके लिए विजिलेंस ने उनकी पत्नी कुसुम यादव को बुलाया, पर वह भी विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुईं। स्कूल भी उनकी पत्नी के नाम से चलता है। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी भी कानूनी जांच में फंस सकती हैं।