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फडणवीस की टोपी एकनाथ शिंदे के सिर पर, आखिर क्यों?

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मुंबई। फडणवीस की टोपी शिंदे के सर पर विराजमान हो गयी। महाराष्ट्र में अब सियासी उथल-पुथल का दौर थम चुका है। एकनाथ शिंदे के हाथ पर महाराष्ट्र की कुर्सी लग चुकी है। सवाल उठना लाजमी है कि आखिरकार सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने बागी गुट के एकनाथ शिंदे को ताज क्यों सौंपा? क्यों फडणवीस ने अपने पास नहीं रखा सीएम का ताज?

महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक शुरू होने के साथ ही यह तय हो गया था कि शिवसेना से जो भी विधायक बगावत कर रहे हैं, उन्होंने एकनाथ शिंदे को अपना नेता माना है। शिंदे को सीएम पद का आफर उद्धव ठाकरे ने भी दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर कोई शिवसैनिक मुख्यमंत्री पद पर बैठेगा तो पूरी शिवसेना उनका समर्थन करेगी। इसलिए फडणवीस की टोपी शिंदे के सिर पर सजाई गयी।

भाजपा ने शिंदे को सीएम बनाकर उद्धव ठाकरे को अलग थलग करने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा बागियों के शिवसैनिक होने की दावेदारी को हवा देकर ठाकरे परिवार को कमजोर करना चाहती है। चूंकि बागी कह रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है। ऐसे में यह गुट शिवसेना के नाम पर अब पूरी ताकत के साथ असली शिवसेना का दावा कर सकता है। वैसे भीी भाजपा अपने कड़वे अनुभव को भूली नहीं है, जब उन्हें 2019 एनसीपी के साथ सरकार बनाने के चंद घंटों में ही सत्ता गंवानी पड़ी थी।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि सीएम और डिप्टी सीएम का फैसला मंगलवार को दिल्ली में फडणवीस की अमित शाह और भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात में ही तय हो गया था। फडणवीस हालांकि इस फैसले से खुश नहीं थे। इसलिए उन्होंने सरकार में शामिल न होने की बात कह डाली थी। लेकिन इसके बाद अमित शाह के मनाने के बाद उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीकारा।

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