हरिद्वार। बीरोंखाल बस हादसे के मृतकों के आश्रितों के साथ सरकार की एक और घोर लापरवाही सामने आयी है। पहले तो घटना के बीस दिन गुजरने के बाद भी अभी तक राहत राशि का भुगतान नहीं किया गया, और जब राहत राशि के चेक बांटे गये तो उसमें आश्रितों के बजाय मृतकों का नाम से चेक काट दिये गये। बताओ ये तो हमारे अधिकारियों के हाल हैं, चेक काटने में भी हाथ कांप रहे हैं।
लालढांग से पौड़ी जिले के कांडा मल्ला गांव के लिए चार अक्टूबर को हरिद्वार से बरात बस से रवाना हुई थी। इस दौरान बीरोंखाल-रिखणीखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। इस बस दुर्घटना में 34 लोगों की मौत हो गयी थी और 19 लोग घायल हुए थे।
चेक काटने में भी अधिकारियों की लापरवाही
पहले तो बीस दिन गुजर जाने के बाद भी राहत राशि आवंटित नहीं की गयी और जब तहसील प्रशासन की तरफ से एसडीएम पूरण सिंह राणा और तहसीलदार दयाराम ने मृतक आश्रितों को कैंप लगाकर राहत राशि के चेक बांटे तो चेक में आश्रितों के नाम के स्थान पर मृतकों के नाम चढ़ा दिए गये। एक और जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री ने घायलों को 50 हजार की राहत राशि देने की घोषणा भी की थी, मगर घायलों को मात्र 10-10 हजार रुपये के चेक ही दिये जा रहे हैं।
तहसील प्रशासन ने मानी गलती
तहसील प्रशासन को जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने गुरुवार को सुबह सभी लोगों से चेक वापस ले लिए और शुक्रवार को दोबारा से चेक देने को कहा। ऐसी छोटी-छोटी गलतियां जब अधिकारी ही करने लगेंगे तो आम आदमी का क्या होगा, भगवान भरोसे। तहसील प्रशासन ने बुधवार को गांव जाकर कैंप लगाकर लाभार्थियों को पेंशन और अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए दस्तावेज तैयार किये थे, और 12 मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख के दो-दो चेक दिये थे। https://sarthakpahal.com/