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कोटद्वार से रामनगर जाने वाली GMOU बस सेवा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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नैनीताल। गड़वाल को कुमाऊं से जोड़ने वाली बस सेवा का संचालन 70 के दशक से चला आ रहा है। इससे यात्री न केवल प्रकृति का आनंद लेते हैं, बल्कि उनकी 100 किमी की दूरी भी कम हो जाती है। 2018 में हाईकोर्ट ने इस बस सेवा पर रोक लगाई थी, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर स्टे लगा दिया था, लेकिन अब दोबारा सुप्रीम कोर्ट ने भी बस सेवा पर रोक लगा दी है।

कोटद्वार से रामनगर बीच चलती है बस
कार्बेट टाइगर रिजर्व एरिया में कोटद्वार से रामनगर के बीच चलने वाली बससेवा को सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में न केवल नाराजगी जताई, बल्कि बाघ प्रजनन क्षेत्र में बस सेवा की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के कदम पर सवालिया निशान लगाया। वकील ने दलील थी कि उत्तर भारत में बाघों की सबसे बड़ी तादात वाला क्षेत्र कार्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र हैं। इसे बाघ की आबादी का शीर्ष प्राथमिक क्षेत्र माना जाता है। https://sarthakpahal.com/

2018 में हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
जीएमओयू की बस कोटद्वार से रामनगर के बीच एक दिन में दो बस चलती है। ये बससेवा गढ़वाल और कुमाऊं के बीच के दूरी 100 किमी कम करती है। 2018 में हाईकोर्ट ने इस बस सेवा को रोक दिया था, लेकिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था। लेकिन, अब पुन: दोबारा सुप्रीम कोर्ट ने ही इस बस सेवा पर रोक लगा दी है।

अभी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कापी नहीं मिल पाई है। इसलिए कुछ भी कहना न्यायोचित नहीं है। फैसले के कापी मिलने के बाद जवाब दाखिल किया जायेगा।
विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक (हाफ), वन विभाग

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