अल्मोड़ा। मां एक ऐसा शब्द है जिसे चाहे हम तकलीफ में हो या खुशी में, चाहे हमें चोट लगे या भूख लगी हो हमारे मुंह से हर समय, हर पल एक ही शब्द निकलता है और वह है मां। मां देवियों का रूप है निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों और परिवार के लिए डटकर खड़ी रहती है। बच्चे चाहे मानसिक, दृष्टि या शारीरिक दिव्यांग हों तो भी मां उनको अपने सीने से लगा कर पालती है। उनको कोई किसी तरह से नुकसान न पहुंचा दे इसका हमेशा ध्यान भी रखती है, लेकिन जब मां बुजुर्ग होने पर संभाले न संभाली जाए तो बच्चे भी तमाम तरह की परेशानियां बताकर उनका पालन-पोषण करने से पल्ला झाड़ लेते हैं। https://sarthakpahal.com/
घर की परेशानी बताकर मां को घर ले जाने से किया इंन्कार
ऐसा ही कुछ हुआ अल्मोड़ा के भिक्यिासैंण से लापता बुजुर्ग महिला हेमा देवी के साथ। मुंबई से अल्मोड़ा तो पहुंच गई, लेकिन अपने घर की दहलीज तक नहीं पहुंच पाई। नालायक बेटे ने मां का मानसिक संतुलन खराब होने और घर की परेशानियां बताकर उनको साथ ले जाने से इनकार कर दिया। अब आमा को नारी निकेतन में रखा गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है। ‘आमा’ हेमा देवी कुछ महीनों पहले घर से भटकते-भटकते मुंबई पहुंच गई थीं। आर्थिक तंगी के चलते बेटे उन्हें खोजने के लिए ज्यादा कोशिश नहीं की।
सीएम धामी के प्रयास से बुजुर्ग महिला पहुंच पाई थी अल्मोड़ा अपने घर
हेमा देवी का कुछ दिन पहले वीडियो वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए सीएम धामी ने एसएसपी अल्मोड़ा को आमा को ढूंढने लिए निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आमा को मुंबई से खोज निकाला। और उन्हें अल्मोड़ा ले आई। पुलिस टीम को पूरा भरोसा था कि दर-दर की ठोकर खाने के बाद आमा को अपना घर नसीब होगा, लेकिन भिक्यिासैंण के कोट्याग गांव में उनके पुत्र ने आमा को घर ले जाने से ही मना कर दिया।