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रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी, कीमतें आज से ही लागू

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नई दिल्ली, 7 अप्रैल। देश में सोमवार को महंगाई का तगड़ा झटका लगा है. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया गया है. सरकार ने 14 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ा दिए हैं. इसके बाद उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 503 रुपये से बढ़कर 553 रुपये और गैर उज्ज्वला योजना के तहत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी. नई कीमतें कल 8 अप्रैल 2025 से लागू होंगी.

पेट्रोलियम मंत्री ने दी जानकारी
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ रही हैं और हमारे यहां कीमतें घट रही हैं. हमने फैसला किया है कि रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम इसकी समीक्षा करेंगे. केंद्रीय मंत्री Hardeep Singh Puri ने कहा कि हम रसोई गैस के मामले में काफी आगे बढ़ चुके हैं और अब हमारे पास उज्ज्वला योजना भी है, जिसके 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारे भाई-बहनों को लकड़ी, गोबर और अन्य चीजों से मुक्ति मिल गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब औरतों को Free LPG Cylinder दिया जाता है, ताकि उन्हें साफ-सुथरा खाना पकाने का ईंधन यानी एलपीजी मिल सके.

1 अगस्‍त 2024 से स्थिर थे दाम
बता दें कि बीते कुछ महीनों में जहां 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव देखने को मिला था, तो वहीं पिछले साल अगस्‍त 2024 में आखिरी बार 14.2 किलो वाले सिलेंडर के प्राइस में बदलाव हुआ था. उसके बाद से एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई चेंज नहीं हुआ है. आईओसीएल के मुताबिक, फिलहाल दिल्‍ली में रसोई गैस सिलेंडर का भाव 803 रुपये है. मुबई में यह कीमत 802.50 रुपये, कोलकाता में इसकी कीमत 829 रुपये और चेन्‍नई में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 818.50 रुपये है.

पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी
इससे पहले सोमवार को ही सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. इसके तहत Petrol-Diesel Excise Duty में 2 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री ने इसे लेकर तस्वीर साफ करते हुए कहा है कि, ‘मैं यह स्पष्ट कर दूं कि इसका असर उपभोक्ताओं पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बीते दिनों पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल या यूं कहें कि कच्चे तेल के बराबर हो गई. https://sarthakpahal.com/

हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर बोझ डालना बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सब्सिडी वाली गैस कीमतों के कारण तेल विपणन कंपनियों को होने वाले 43,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करना है.

‘वित्तीय घाटे को पूरा करने की कोशिश में सरकार’
वहीं, अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा, “वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है. ऐसे में यह माना जा सकता है कि सरकार उत्पाद शुल्क बढ़ाकर अपने वित्तीय घाटे को पूरा करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इससे सरकार के वित्तीय कोष को फायदा होगा और देश का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा. अगर व्यापार युद्ध जारी रहा तो कच्चे तेल की कीमत में और भी कमी आएगी. कीमत में करीब 20 फीसदी और गिरावट आ सकती है. सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी से आम लोगों के जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.”देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/

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