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उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने को निकाला कैंडल मार्च, सरकार से पैरवी की मांग

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देहरादून। प्रदेश महिला कांग्रेस ने छावला हत्याकांड की राज्य सरकार से एक बार फिर से पैरवी करने की मांग की है। कांग्रेसियों का आरोप लगाया कि पुलिस की तरफ से मजबूत सबूत कोर्ट में पेश न करने पर आरोपी छूट गये हैं। इससे न केवल उत्तराखंड की बेटी, बल्कि मातृशक्ति भी आहत है। गुरुवार को बड़ी संख्या में कांग्रेसी घंटाघर पर एकत्रित हुए।

कैंडल मार्च निकालकर दी बेटी को श्रद्धांजलि
कैंडल मार्च निकालकर छावला गैंगरेप के बाद मारी गयी उत्तराखंड की बेटी को श्रद्धांजलि दी गयी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने को राज्य सरकार को मजबूत पैरवी करनी चाहिए। धामी ने जिस तरह वनंतरा प्रकरण की पीड़ित बेटी के परिजनों की मदद की है, उसी तरह छावला हत्याकांड की पीड़ित बेटी के परिजनों की भी मदद की जाए। रावत ने कहा कि 2012 में दरिंदगी की शिकार उत्तराखंड की बेटी की आत्मा हमसे पूछती होगी आखिर मेरा गुनहगार कौन है।

बेटियों के साथ अपराध प्रदेश की मातृशक्ति आहत
कार्यक्रम की संयोजक कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा डोबरियाल ने कहा कि हम अदालत का सम्मान करते हैं। लगता है कि पुलिस ठीक तरह से सबूतों को कोर्ट में पेश नहीं कर पायी। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन महिला अपराध का ग्राफ दिनबदिन बढ़ता ही जा रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी राज्य सरकार से न्यायिक विकल्पों को तलाशने की मांग की।

कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह नेगी, महेंद्र नेगी गुरुजी, राजेंद्र धवन, प्रदीप डोभाल, आशा टम्टा, अमित रावत, मनोज नौटियाल, शरीफ बेग, नजमा खान,निसान परीन, गरिमा दसोनी आदि मौजूद रहे।

दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका : त्रिवेंद्र
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी की युवती के हत्यारोपियों के सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के मामले में पुनर्विचार का प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जाकर वकीलों से बात करेंगे। उन्होंने कहाकि प्रयास करेंगे कि इस मामले पुनर्विचार याचिका लगाई जाए। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के निर्णय पर सवाल खड़े नहीं कर रहे, लेकिन इस फैसले से हम लोग निराश और हताश हैं। वे एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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