उत्तराखंडबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरशिक्षासामाजिक

सात टीचर, एक छात्र, फिर भी हाईस्कूल में हो गया फेल, उत्तराखंड शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोलता ये स्कूल

Listen to this article

के.एस. रावत। कहने को तो पहाड़ में स्कूली शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन हो रहा है जैसे कि सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं। मगर वास्तविकता कुछ और ही है। लाख प्रयास करने के बाद भी पहाड़ों के स्कूलों में पठन-पाठन का वो माहौल कहीं कहीं ही दिखता है। सरकार स्कूलों के चहुंमुखी विकास का जो ढिंढौरा पीटती रहती है, उसकी जीती जागती तस्वीर है उत्तराखंड के नैनीताल का ये स्कूल, जहां व्यवस्था के नाम पर टनाटन, मगर पढ़ाई में जीरो। स्कूल में चाहे टीचर, आया सबकुछ हैं, मगर फिर भी इस बार हाई स्कूल बोर्ड की परीक्षा बैठा एकमात्र छात्र भी फेल हो गया।

ओखलकांडा ब्लाक में स्थित है राउमवि भद्रकोट
भीमताल ओखलकांडा ब्लाक में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भद्रकोट ने इस बार उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणामों में एक अनचाहा रिकार्ड प्राप्त किया है। जिससे यह स्कूल जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय भी बना हुआ है। क्योंकि, इसका रिजल्ट शून्य फीसदी रहा। स्कूल में एकमात्र छात्र ने परीक्षा दी और वह सभी विषयों में फेल हो गया।

एक छात्र वो भी फेल, रिजर्ल्ट जीरो
ओखलकांडा ब्लाक में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक भद्रकोट विद्यालय यह प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल बन गया। जहां का रिजल्ट पूरी तरह शून्य रहा। बीते माह 19 अप्रैल को घोषित बोर्ड परिणामों के बाद शिक्षा विभाग की जांच में स्कूल के शून्य फीसदी रिजल्ट की बात सामने आई है।

प्रधानाध्यापक सहित सात शिक्षकों की तैनाती
बताया जा रहा है कि एक छात्र, सात शिक्षक राजकीय हाइस्कूल भद्रकोट में प्रधानाध्यापक सहित सात शिक्षकों की तैनाती है। इनमें से एक शिक्षक (आर्ट विषय) को दूसरे स्कूल में व्यवस्था के लिए भेजा गया है, लेकिन, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों के लिए शिक्षक स्कूल में मौजूद हैं।

स्कूल में बीते साल कक्षा छह से 10 तक 7 छात्र शामिल रहे। इसमें कक्षा छह में दो, कक्षा सात में दो, कक्षा आठ में एक, कक्षा नौ में एक और कक्षा दस में एक छात्र शामिल है। जबकि, स्कूल में एक क्लर्क और एक भोजनमाता भी तैनात हैं।

सबसे ज्यादा नंबर हिंदी में, वो भी मात्र 10
हौरान करने वाली बात यह है कि इतने शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद दसवीं का एकमात्र छात्र न केवल फेल हुआ। बल्कि, उसके अंक भी बेहद निराशाजनक रहे। छात्र को हिंदी में सबसे अधिक 10 अंक मिले। जबकि, बाकी सभी विषयों में स्थिति और भी खराब रही। मामले में शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों से जवाब मांगा है।

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भद्रकोट के छात्र ने बोर्ड परीक्षा में फेल होने की बात सामने आई है। मामले में संबंधित विभागीय एवं विद्यालय से शिक्षकों से जवाब मांगा गया है। साथ ही मामले की गहराई से जांच करवाई जा रही है।
– गोविंद जयसवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button