
ऋषिकेश, 16 अप्रैल। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत पौड़ी के देवप्रयाग और जनासू के बीच देश की सबसे लंबी रेल सुरंग टी-8 और टी-8एम आज आरपार हो गई है। सुरंग के निर्माण में अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया गया है। जबकि परियोजना की अन्य सुरंगों का निर्माण पारंपरिक ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कार्यक्रम में जनासु रेलवे स्टेशन पहुंचे। यह परियोजना की सबसे लंबी रेल सुरंग है। इस मौके पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी व कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी इस ब्रॉडगेज रेल लाइन पर कुल 17 सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से लगभग 104 किलोमीटर का रेल मार्ग सुरंगों के अंदर से गुजरेगा। इनमें से केवल तीन सुरंगें ही ऐसी हैं, जिनकी लंबाई 3 किलोमीटर से कम है। शेष 12 सुरंगों की लंबाई 3 किलोमीटर से अधिक है। सुरंग सुरक्षा नियमों के अनुसार, तीन किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली प्रत्येक सुरंग के समानांतर एक निकास सुरंग भी बनाई जा रही है। मुख्य सुरंग और निकास सुरंग को 375 मीटर की दूरी पर क्रॉस पैसेज के माध्यम से जोड़ा गया है, ताकि आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके।
14.57 किमी लंबी डबल ट्यूब सुरंगें
देवप्रयाग से जनासू के बीच बन रही ये दोनों (डबल ट्यूब) सुरंगें कुल 14.57 किलोमीटर लंबी हैं। इस क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना अद्वितीय होने के कारण इन सुरंगों की खुदाई के लिए जर्मनी से विशेष टीबीएम मशीनें मंगाई गई थीं। इन सुरंगों के निर्माण के लिए जनासू से लगभग 1.525 किलोमीटर की दूरी पर एक वर्टिकल शाफ्ट (कुआंनुमा सुरंग) भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से खुदाई का कार्य किया गया था। गौर हो कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल थी. ये T-50 सुरंग 12.77 किमी लंबी है. जबकि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत पौड़ी के देवप्रयाग और जनासू के बीच बन रही टी-8 और टी-8 एम सुरंग 14.57 किलोमीटर लंबी है.
सीएम धामी ने दी बधाई
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों और एनएचआईडीसीएल को सुरंग ब्रेकथ्रू होने पर बधाई दी. वहीं पीएम मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तराखंड में कई बहुप्रतीक्षित योजनाएं चल रही हैं. सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा और ऑल वेदर रोड के लिए सिलक्यारा टनल मील का पत्थर साबित होगी.
बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
रेस्क्यू कार्य पूरा होने के बाद सीएम धामी ने सिलक्यारा सुरंग के पास बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था. सीएम का संकल्प आज पूरा हो गया है. बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर टनल के पास बनकर तैयार हो गया है. सीएम धामी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे. चारधाम यात्रा के लिए सिलक्यारा टनल बहुत महत्वपूर्ण है. लगभग 853 करोड़ की लागत से ये टनल बन रही है. ये 4.531 किलोमीटर लंबी दो लेन और दो दिशा वाली सुरंग है.
गंगोत्री-यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी कम होगी
सिलक्यारा टनल के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी. 2023 में सुरंग निर्माण के दौरान हुए हादसे के बाद 17 दिन तक 41 मजदूर फंसे रहे थे. पीएम मोदी के कुशल मार्गदर्शन और सीएम धामी के सफल नेतृत्व में सफलता पूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ था.देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
आज का दिन इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि आज ही के दिन भारत में 1853 को पहली रेल बोरीबंदर से ठाणे के बीच चली थी, और आज ही भारत की सबसे लम्बी ट्रांसपोर्टेशन टनल जानसू टनल का ब्रेकथ्रू भी हुआ है.
अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय रेल मंत्री