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मां की पथराई आंखों से बहता आंसुओं का सैलाब अब भी ढूंढ रही हैं अपने मासूम जिगर के टुकड़ों को

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देवप्रयाग। मां की पथराई आंखों से बहता आंसुओं का सैलाब अब भी अलकनंदा में बहे अपने मासूम जिगर के टुकड़ों को ढूंढ रही हैं।देवप्रयाग नगर के धनेश्वर घाट में नदी में बहे मासूमों के परिजन गहरे सदमे में हैं। परिजनों को उनके लौटने की आस बंधी है। मां संगीता देवी पथराई आंखों से अब भी उनकी राह देख रही हैं, जबकि पिता हीरालाल घटना से पागल होकर बार-बार थाने के चक्कर काटकर अपने बच्चों के बारे में खबर ले रहे हैं।

कल अलकनंदा में बह गये थे दो मासूम
बता दें कि पुंडल मोहल्ला निवासी हीरालाल मिश्रा का 12 वर्षीय बेटा आदेश व 8 वर्षीय अभिषेक रविवार को अपने दो दोस्तों के साथ घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर धनेश्वर घाट की ओर खेलने गए थे। शाम को दो बच्चे तो घर लौट आए लेकिन आदेश व अभिषेक नहीं लौटे। सूचना पर एसडीआरएफ, जल पुलिस और अग्निशमन दस्ते ने देर रात तक दोनों भाइयों की तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। हीरालाल की दो शादियां हैं। पहली शादी से दो बेटे और दूसरी से तीन बच्चे आदेश, अभिषेक व अंबिका हैं। दोनों भाई पुंडल के नदी पार स्थित प्राथमिक विद्यालय देवप्रयाग में पढ़ते हैं। आदेश कक्षा तीन व अभिषेक कक्षा एक का छात्र है। जबकि चार वर्षीय अंबिका अभी घर में ही रहती है। https://sarthakpahal.com/

स्थानीय लोगों ने बताया क छुट्टी होने के कारण अभिषेक व आदेश अपने दोस्तों के साथ गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर धनेश्वर मंदिर तक खेलने आए थे। इसी दौरान वह मंदिर के नीचे घाट तक चले गए। घाट के समीप दलदली रेत है, जहां यह हादसा हो गया। दो सगे भाइयों के नदी में बहने की घटना के बाद लोग बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। स्थानीय निवासियों ने घाटों में सुरक्षा इंतजाम करने की मांग सरकार से की है। धनेश्वर घाट से कुछ मीटर नीचे अलकनंदा और भागीरथी का संगम हैं। दोनों नदियों के मिलन से यहां पानी की मात्रा और प्रवाह बढ़ जाता है। ऐसे में रेस्क्यू टीम को सर्च ऑपरेशन के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है।

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