
देहरादून। उत्तराखंड में मानकों के विरुद्ध संचालित हो रहे निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कराने को लेकर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने सीबीएसई की अध्यक्ष निधि छिब्बर से विस्तार से चर्चा की। इतना ही नहीं स्कूल की मान्यता हिंदी की है, लेकिन यहां अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाई हो रही है।
जांच में मिली कई अनियमितता
बाल आयोग की अध्यक्ष ने देहरादून के ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल और ब्राइट एंजल स्कूल में निरीक्षण के दौरान मिली अनियमितता के बारे में सीबीएसई अध्यक्ष को विस्तार से बताया। सोमवार को दिल्ली स्थित सीबीएसई कार्यालय में बाल आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने सीबीएसई अध्यक्ष निधि छिब्बर से निजी स्कूलों को लेकर विस्तार से चर्चा की। ब्राइट एंजल स्कूल में शिक्षिकाएं ही नहीं, बल्कि छात्राएं भी हिजाब पहनकर स्कूल आती हैं।
अभिभावकों से वसूली जाती है मोटी फीस
बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया आयोग के निरीक्षण के दौरान ल्यूसेंट स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस के बदले अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने, ब्राइट एंजल स्कूल प्रशासन की ओर से अवैध भवन निर्माण, स्कूल के पठन पाठन के समय छात्रों को मदरसा में नमाज पढ़ाने, स्कूली छात्राओं और शिक्षिका के हिजाब पहनने, आयकर से बचने के लिए शिक्षकों के खाते में मोटी धनराशि ट्रांसफर करने और बाद में आधी रकम वापस लेना आदि कई शिकायतें की।
मुस्लिम शिक्षकों को दिया जाता था अधिक वेतन
इसके अलावा धर्म को पहली प्रमुखता देते हुए मुस्लिम शिक्षकों को अधिक वेतन देना, बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही के मुद्दे पर चर्चा की। बताया सीबीएसई अध्यक्ष की ओर से बताया गया कि शिक्षा विभाग यदि एनओसी निरस्त कर दें, तो मान्यता स्वयं ही निरस्त हो जायेगा। https://sarthakpahal.com/