कोटद्वार। उत्तराखंड सरकार के आदेश पर सरकारी जमीन पर धार्मिक अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी है। सोमवार को लैंसडोन वन प्रभाग ने कोटद्वार रेंज के अंतर्गत आरक्षित वन भूमि पर करीब 60 साल पुरानी मजार को जेसीबी ने ध्वस्त कर दिया। बता दें कि विगत 18 वर्षों से मोहम्मद हनीफ यहां पीर बाबा गयासुदीन औलाये करीम शाह की मजार की देखभाल कर रहा था।
एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस फोर्स की तैनाती में हुई कार्रवाई
डीएफओ दिनकर तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से जंगलों व सड़क किनारे अवैध रूप से निर्मित धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे। इसके तहत लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में भी डीएफओ कार्यालय के समीप गिंवाई स्रोत में वन भूमि पर बनी अवैध मजार को चिह्नित किया गया था, जिसे नोटिस के बावजूद भी नहीं हटाया गया था। सोमवार को सुबह सात बजे एसडीएम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में पुलिस फोर्स की मौजूदगी में गिंवाई स्रोत में मजार को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान किसी ने कोई विरोध भी नहीं किया।
नहीं मिला कोई नोटिस
प्रशासन की टीम ने जिस मजार को ध्वस्त किया है वह 60 साल पुरानी पीर बाबा गयासुद्दीन औलाये करीम शाह की थी। मजार की देखरेख कर रहे गिंवाई स्रोत निवासी मोहम्मद हनीफ ने बताया कि वह करीब 18 वर्षों से मजार की देखरेख कर रहा था। वन विभाग की ओर से इस संबंध में उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया।
कांग्रेस ने जताया विरोध
वहीं, सरकारी संपत्ति पर धार्मिक स्थल तोड़ने के विरोध में कांग्रेस के विधायक डीएम से मिले। यहां उन्होंने धार्मिक स्थल तोड़ने पर विरोध जताया। https://sarthakpahal.com/
रानीपोखरी में भी तोड़ी गयी मजार
देहरादून के रानीपोखरी में घमंडपुर मार्ग पर 2005- 06 में बनी पक्की बड़ी मजार पर भी पुलिस प्रशासन और संबंधित सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी चलाकर ध्वस्त कर दिया गया।