
देहरादून। जाली हस्ताक्षर कर सवा करोड़ रुपये का गबन का सनसनीखेज मामला पकड़ में आया है। यूनियन बैंक आफ इंडिया (यूबीआइ) की निरंजनपुर शाखा के पूर्व प्रबंधक ने दो व्यक्तियों के दस्तावेजों पर जाली हस्ताक्षर कर दो बैंक खाते खोले और उनमें लोन के एक करोड़ 15 लाख रुपये डलवाकर गबन कर लिया। लोन खातों का आडिट करते समय यह गड़बड़ी पकड़ में आई। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपित बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपित वर्तमान में यूनियन बैंक आफ इंडिया की कर्णप्रयाग शाखा में तैनात है।
यूनियन बैंक आफ इंडिया की निरंजनपुर शाखा के प्रबंधक अभिषेक राणा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि यूबीआइ की निरंजनपुर शाखा पहले कारपोरेशन बैंक के नाम से जानी जाती थी। नवंबर 2020 में कारपोरेशन बैंक व अन्य बैंक का यूनियन बैंक आफ इंडिया में विलय हो गया। इससे पूर्व शाखा में अमित सिंह प्रबंधक थे। आरोपित अमित सिंह ने वर्ष 2019 में शिवानी नामक महिला के नाम से 53 लाख रुपये और मनोहर सिंह के नाम पर साढ़े 48 लाख रुपये का लोन जारी किया था। बाद में उनका तबादला हो गया। इसके बाद बैंक का अंतिम आडिट 31 दिसंबर 2020 को हुआ। जिसमें गबन के साक्ष्य मिले।