
गैरसैंण। राजस्थान के बीकानेर में फायरिंग अभ्यास के दौरान पेट में गोली लगने से घायल हुए गैरसैंण के जवान लक्ष्मण सिंह का निधन हो गया। शुक्रवार को जवान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव फरकंडे तल्ली लाया गया, जहां पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरा गांव का माहौल गमगीन हो गया। उनकी पत्नी और मां जब पार्थिव शरीर से लिपटकर रोईं तो सभी की आंखें छलक आईं। पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
दुर्घटनावश चली गोली लगी थी जवान के पेट में
जानकारी के मुताबिक, 11 जुलाई को 20 गढ़वाल रायफल की यूनिट पंजाब के भटिंडा से फायरिंग अभ्यास के लिए राजस्थान के बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज गई थी। जिसमें गढ़वाल रायफल के जवान नायक लक्ष्मण सिंह भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि बीती 6 अगस्त को फायरिंग रेंज के नॉर्थ कैंप में लक्ष्मण सिंह कोत एनसीओ की ड्यूटी पर तैनात थे। जहां कोत में दुर्घटनावश गोली चल गई। जो उनके पेट में जा लगी, जिसमें वो घायल हो गए। तत्काल उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सूरतगढ़ मिलिट्री हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर उन्हें 12 अगस्त को हेलीकॉप्टर के जरिए वेस्टर्न कमांड मिलिट्री हॉस्पिटल चंडी मंदिर पंचकूला भेजा गया। जहां 22 अगस्त को उपचार के दौरान नायक लक्ष्मण सिंह ने दम तोड़ दिया।
जवान लक्ष्मण सिंह का पार्थिव शरीर आज सैन्य वाहन से उनके पैतृक गांव फरकंडे तल्ली लाया गया। जहां पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही पत्नी, माता-पिता और परिजन बिलख उठे। लक्ष्मण सिंह अपने पीछे पत्नी, दो बच्चे (बेटा 4 साल, बेटी 6 साल), माता-पिता और सेना में सेवारत बड़े भाई को रोता बिलखता छोड़ गए। जवान लक्ष्मण सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। जवान के पार्थिव शरीर को उनके बड़े भाई शेर सिंह ने पैतृक घाट (चोंरी घाट) पर मुखाग्नि दी। रुद्रप्रयाग से पहुंचे 6 ग्रेनेडियर के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर जवान को अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई में जवान के पार्थिव शरीर के साथ आए सैन्य अधिकारी, सेना के जवानों समेत सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। https://sarthakpahal.com/