
देहरादून। नौकरियों के सौदागर हाकम सिंह केवल 13 महीने ही सलाखों के पीछे रह पाया। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब उन्हें गैंगस्टर एक्ट से भी जमानत मिल गयी है। हालांकि पुलिस ने उत्तरकाशी के मोरी में उसके आलीशान गेस्ट हाउस समेत कई संपत्तियां खाक कर दी हैं। कुल मिलाकर उसकी करीब छह करोड़ की संपत्ति को जब्त हो चुकी है, लेकिन ऐसे माफियाओं पर क्या फरक पड़ता है।
एक-एक करके छूट चुके हैं कई आरोपी
परीक्षा धांधलियों के मामले में पुलिस ने शुरूआत से ही शिकंजा कसने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस को भी एक दिक्कत का सामना करना पड़ा जो कि आरोपियों की जमानत का आधार बना। दरअसल, सभी मामले पुराने थे। ऐसे में जब इनकी जांच शुरू हुई तो सभी साक्ष्य लगभग नष्ट हो चुके थे। कई बड़े आरोपियों से तो केस से संबंधित रिकवरी भी नहीं हो पाई। शातिर हाकम सिंह भी ऐसे ही आरोपियों से एक था। उसके पास से भी परीक्षा में लेनदेन में कोई बड़ी रिकवरी नहीं हो पाई थी। उसने बड़े ही शातिराना ढंग से इन सब धांधलियों को अंजाम दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के बाद अब गैंगस्टर एक्ट से भी मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट के बाद अब विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट की तरफ से भी हाकम सिंह को जमानत दे दी गई है। उधर, इस जमानत के बावजूद भी हाकम सिंह का बाहर आना मुश्किल है। क्योंकि, हाकम सिंह पर दरोगा भर्ती मामले में भी पेपर लीक को लेकर मुकदमा दर्ज है। विदित हो कि अगस्त 2022 में हाकम सिंह को पुलिस ने उत्तराखंड हिमाचल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था, तभी से हाकम सिंह कानूनी शिकंजे में है। https://sarthakpahal.com/
विजिलेंस करती कार्रवाई तो और रुक जाता जेल में
हाकम के खिलाफ तीन मुकदमों में से एक में तो विजिलेंस ने कार्रवाई ही आगे नहीं बढ़ाई। माना जा रहा है कि यदि विजिलेंस दरोगा भर्ती धांधली में आरोपियों की रिमांड मांगती तो शायद हाकम को और लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता था। हाकम के पीछे अब आरएमएस कंपनी के मालिक समेत छह और आरोपी जमानत का इंतजार कर रहे हैं।