दून हॉस्पिटल में इलाज के दौरान नर्स की लापरवाही से युवती की मौत, परिजनों का हंगामा
देहरादून। उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 18 साल की युवती की इलाज के दौरान मौत होने पर परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया और दून हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक जौनसार की रहने वाली 18 साल की निशा की मंगलवार को अचानक तबीयत ज्यादा खराब हुई थी। परिजन निशा को लेकर विकासनगर पहुंचे और वहां डॉक्टर को दिखाया, लेकिन डॉक्टर ने निशा की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन निशा को लेकर दून हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उसे इमरजेंसी में भर्ती किया गया।
बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान निशा की मौत हो गई। निशा के परिजनों का आरोप है कि नर्स ने उसे गलत इंजेक्शन लगाया था, जिससे उनकी बेटी की मौत हो गई। परिजनों ने ड्यूटी में तैनात डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग उठाई है। हंगामा ज्यादा बढ़ा तो पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया।
इस बारे में जब दून अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चार सदस्यीय जांच कमेठी का गठन किया गया है। जांच कमेठी में डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर धनंजय डोभाल, कैजुअल्टी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एनएस बिस्ट, मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सोनिया और एक मेट्रन को शामिल किया गया है। जांच कमेटी दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट दे देगी। त्वरित कार्रवाई करते हुए एक डॉक्टर और तीन मेडिकल स्टाफ को काम हटा दिया गया है। https://sarthakpahal.com/
परिजनों ने जिलाधिकारी सोनिका को भी इस मामले में प्रार्थना पत्र दिया है। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया है युवती डेंगू पीड़ित थी। युवती की प्लेटलेट्स लापरवाही के कारण गिरकर 20 हजार तक पहुंच गये थे, लेकिन इसके बावजूद उसे प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाए गये। परिजनों ने आरोप गया कि चिकित्सकों को स्टाफ का व्यवहार बहुत ही खराब था।