सार्थकपहल। शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्तूबर, रविवार से आरंभ हो गए हैं। प्रतिपदा तिथि 14 अक्तूबर, शनिवार की रात 11:26 मिनट से प्रारंभ होकर 15 अक्तूबर को देर रात 12:33 मिनट पर समाप्त हो रही है। पंचांग के अनुसार 14 अक्तूबर, शनिवार को सायं 4:25 मिनट पर चित्रा नक्षत्र शुरू होगा। यह नक्षत्र रविवार को शाम 6:12 मिनट तक है।
शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना का शुभमुहूर्त
घटस्थापना और देवी पूजा प्रात: काल करने का विधान हैं। लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में कलश स्थापना वर्जित है। 15 अक्तूबर को प्रात: काल में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दो दो चरण संपूर्ण हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में घटस्थापना प्रातः काल भी कर सकते हैं। साथ ही अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। 15 अक्तूबर 2023 को अभिजीत मुहूर्त 11:31 मिनट से लेकर 12:17 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप घटस्थापना कर सकते हैं। पहला मुहूर्त : प्रातः 09:14 से दोपहर 12:05 तक (लाभ व अमृत चौघडिया व वृश्चिक स्थिर लग्न के संयोग) दूसरा शुभ मुहूर्त : प्रातः 11:43 से 12.30 तक (अभिजीत मुहूर्त)
हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी
आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। इस बार मां दुर्गा शेर की सवारी छोड़ गज (हाथी) पर सवार होकर आएंगी। विशेष बुधादित्य योग में पूजा की जाएगी तो वहीं इस बार भक्तों को मां दुर्गा की पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे। यह एक शुभ संकेत है। इस वर्ष सर्वत्र संपन्नता रहेगी और देश में अच्छी वर्षा होने की भी सम्भावना है।
किस आधार पर तय होता है वाहन
देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह दिनों के आधार पर तय होता है। सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। इन तथ्यों को देवी भागवत के इस श्लोक में वर्णन किया गया है। https://sarthakpahal.com/
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।
शारदीय नवरात्र आप सभी को शुभकामनाएं।