देहरादून। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकलने के लिए राहत बचाव का सिलसिला जारी है। आज 10वें दिन टनल में फंसे मजदूरों के साथ ही श्रमिकों के परिजनों की परेशानी बढ़ने लगी है। जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने मजदूरों का हालचाल जानने सिलक्यारा पहुंचने वाले परिजनों का खर्चा उठाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मजदूरों के परिजनों से बातचीत और उन्हें समझने के लिए उत्तराखंड शासन ने तीन और अधिकारियों को उत्तरकाशी भेजने का निर्णय लिया है।
युद्धस्तर पर चल रहा है रेस्क्यू अभियान
सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार, फंसे हुए श्रमिकों के परिजनों के आने, रहने, खाने-पीने और मोबाइल का खर्च सरकार वहन करेगी. साथ ही फंसे हुए मजदूरों को निकलने के लिए चल रहे राहत बचाव के कार्यों की जानकारी मजदूरों से संबंधित राज्यों के अधिकारियों को भी दी जाएगी। फंसे हुए मजदूरों के परिजनों से समन्वय बनाने के लिए पहले से ही आईएएस डॉ नीरज खैरवाल और एसडीएम शैलेन्द्र घनटनास्थल पर तैनात हैं। साथ ही, अन्य राज्यों को राहत बचाव संबंधी जानकारी देने के लिए तीन और अधिकारियों को घटना स्थल पर भेजा गया है, जो वहां पर राहत बचाव कार्यों से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं की बेहतर करने में जरूरी निर्देश देंगे। बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया था।
तीन अधिकारियों को दी गयी जिम्मेदारी
आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से साथ समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को व्यवस्थाओं को देखने के लिए मौके पर तैनात हैं। इसके साथ ही गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं। https://sarthakpahal.com/